रात भर दे वरो भोत पट लिला
एहिसे बोतन हानर भोईल पट ढिला
रात भर दे वरो भोत पट लिला
एहिसे बोतन हानर भोईल पट ढिला
प्यार पोड़ा तटे भातर छभी छभ की
तब भाईया की आवतार लौकी हिलावतार चव की ए भावधी
पेनि पेनि सडिया तुनकी हिलावतार चव की ए
बहुती अबादी
धखेयां पवरियां में लागेले उखेले
खूलल दुआरे देखी जबरी होहेले
अर का बताना
दुखोता रात्र तोहर लिहले हो बाटी
भईया नरानी है ता धारियां के चाटी
पूर्कोर अमिजज हुं हाउंगी ठूंगी
तब भाईया किया तारे लोग की हिलावा तारू
चौकी ए भाउजी
बेही बेही सडिया तुनाव की हिलावा तारू
जो किये भावगी
भोरल की लाज जब तु धागा हो पीले
तब मज़ा थोड़ा थोड़ा हमारो के मिले
जाना तानी भाईया ही लावे जब वेना
बदले में उनका कियावे लूझो जेना
समझ लो या सत्थान हो धाऊकी धाऊकी
समझ लो
ता भाईया की आवा तारे लाव की ही लावा तारो चाऊकी ये भवकी
पेन ही पेन ही सड़िया तो नाओ की हिलाव तारों चाओ की ये भावती