رام نہ بسرے شام نہ بسرے
ایسی دیا کرو مہاراج نام نہ بسرے
جائو
भव सागर में पाउं जमाओं
भव सागर में पाउं जमाओं
में नेम धरम पर चल के बताओं
मेरो हाथ गहो महराज पाउं न फिसरे
पाउं न फिसरे नाम न भिसरे
इसी दया करो महराज नाम न फिसरे
इसी दया करो महराज नाम न फिसरे
सोंतो सपनो मिरटो में
सोंतो सपनो
मिरटो में और जागों तो मन में
जागों तो मन में एक पल भी
विसरों में
एक पल भी विसरों में
राखो पलकों में
इसी दया करो महराज नाम न फिसरे
इसी दया करो
इसी दया करो
महराज नाम न फिसरे
इसी दया करो
महराज नाम न फिसरे
नुवःत्तोत्सल भगवान की जैव