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Akram Khan Niazi
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Lyrics
Uploaded by86_15635588878_1671185229650
मिछड़ गया मेरे
दिलदा जानी
ते मैं कखां वांगन रुल गई
फुला नालों नाज़िक जिन्दड़ी
मेरी विछ कंड़ियां दे तुल गई
जिदे आखि उदाईं तुल पहाईं तडी हरीक मनें दे रहाईं
तदे बे जुर्म साकों उजाड़ें तदे फोटों सडें दे पहाईं
जिदे आखि उदाईं तुल पहाईं
सामने चला केट
नासे तुहाईं कूडा खूडे तेरे हासे
तैते विसके ते बुंओ के थेआ
तैते विसके ते बूओ के थेआ
हाँ अपडों सडें दे रहें
जिदे आखि उदाईं तुल पहाईं
तैनु यारी दे हक दा पता नहीं तैडे हथ विच एमूलो वफा नहीं
तैडे हथ विच एमूलो वफा नहीं
साडावत भी आयात नहीं कीता
हर सारों दे पिटें दे रहें
जिदे आखि उदाईं तुल पहाईं
संगे लाके तवत नहीं छुड़ींदा
संगतांदा भरम है रखींदा
संगतांदा भरम
है रखींदा
बानप के बेकदरात छोड़ें
बानप के बेकदरात छोड़ें
बानप के बेकदरात छोड़ें बानप के बेकदरात छोड़ें
बानप के बेकदरात छोड़ें बानप के बेकदरात छोड़ें
कितें अकरम ते बेबफाई कानें देसी आसारी खुदाई
कहनें पिछें कदं कोई नहीं मरदा
मैनु मरके विकेंदे पहेंआ
जिदे आपी उदाई पहेंआ
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V.A
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