दूर से देखा तुझे कमाल
मैंने रात को
यादें वो आने लगी
फिर संभाला खुद को धड़कने बढ़ने लगी
दिल तुमसा यूँ गया
गुज़रा तेरे सामन से पर सर न उठ सका
मैं
मान कहा
आब ना मेरा
दिल आज फिर उदास है ये क्या है माजरा
तू अब मेरा नहीं मैं तेरा ना रहा
वक्त ऐसा आएगा ये सोचा ही न था
अपना जिसको समझा था वो खुद का ही न था
मैं
मान कहा
आज तू
अब ना मेरा
अझाने से हो गये कि ये जानते ही नहीं
इसकदर ये दर्द है कि अब जीना ही नहीं
बाते कुछ सी करनी है कोई सुनने को नहीं
ये दिल खुल के हरो दिया अब हसता ही नहीं
मान कहा
आज तू
अब ना मेरा
वो