चल पड़ा
मैं इन राहों में यूही
के मिल जाए मन्जल कहीं
रास्ता
ये मुश्किल है तो सभी
पर दिल में है कि यकी
फासले मिट जाएंगे एक दिन
ना तूटे जो ये होसला एख़ुदा तू है तो है आसरा
अब तू ही रस्ता दिखा एख़ुदा इतनी सी है इल्टिजा
दे मन्जल का मुझे को पढ़ा
बेफ़िकर ले चला है जाने किदर
ये ख्वाहिशों का सफर किस कदर
अंधेरे घने हैं मगर
डूंड लानी है वो सहर
रॉश्मी होगी जहां रूबरू है मुझे मुझे मुझे प्रश्चाद करें
अब तू ही रस्ता दिखा एखुदा इतनी सी है इल्टिजा
दे मन्जल का मुझे को पढ़ा
दिल कहे एक दिन हर आरिसू ये रंग लाएगी सच होंगे सपने
कह रही है लगन हर खुशी खुद आके जूमेगी कदमों को अपने
एखुदा तू है तो है आसरा अब तू ही रस्ता दिखा
एखुदा इतनी सी है इल्टिजा
दे मन्जल का मुझे को पढ़ा
एखुदा तू है तो है आसरा
अब तू ही रस्ता दिखा
एखुदा इतनी सी है इल्टिजा
दे मन्जल का मुझे को पढ़ा
एखुदा तू है तो है आसरा
अब तू ही रस्ता दिखा एखुदा इतनी सी है इल्टिजा
दे मन्जल का मुझे को पढ़ा