पूने पकड़के हाथ मेरी जिन्दगी बनादी
पूने पकड़के हाथ मेरी जिन्दगी बनादी
गुणे गाउं बाबा बाळक नात मुझे चर्णों में जगादी
गुणे गाउं बाबा बाळक नात मुझे चर्णों में जगादी
तूने पकड़के हाथ मेरी जिन्दगी बना दी।
पत्वार के बिना ही मेरी नाम चल रही है।
पत्वार के बिना ही मेरी नाम चल रही है।
पिरिनाव चल रही है। हैरान है जमाना। पन्जिल बिन रही है। दीरान जिन्दगी को।
दीरान जिन्दगी को तेरी खुश्बू से महका दी। तूने पकड़ के हाथ मेरी जिन्दगी बना दी।
तुम साथ हो जो मेरे किस चीज के कमे है। किसी ओर चीज की अब तरका रही नहीं है।
तुम साथ हो जो मेरे किस चीज के कमे है। किसी ओर चीज की अब तरका रही नहीं है।
आम साथ हो जो मेरे इस चीज की कमी है। किसी और चीज की अब दरकार ही नहीं है।
गुणे गाउं तेरा हर गम जो चर्ण में पना दी। तूने पकड़ के हाथ मेरी जिन्दगी बना दी।
मैं तो नहीं हूँ काबिल। तेरा भार कैसे पाऊं।
तूटी हुई वाणी से।
गुणे गाउं तेरा हर गम जो चर्ण में पना दी। तूने पकड़ के हाथ में पना दी।
मैं तो नहीं हूँ कबे, तेरा मार कैसे पाऊँ, तूटी हुई वाणी से खुण गान कैसे गाऊँ, मुझे जाने सब जमाना।
मुझे जाने सब जमाना, तूने है वो वजा दी, तूने पकड़ के हाथ मेरी जिन्दगी बना दी।