भजननिरतोहं तावक भजननिरतोहं तावक
पारत कविष छुन्दर पादं भजननिरतोहं तावक
पारत कविष छुन्दर पादं भजननिरतोहं तावक
पारत कविष छुन्दर पादं भजननिरतोहं
पूजित विधेशम् चिन्दाधेशम्
पूजित विधेशम् चिन्दाधेशम्
पूर्णा त्रै तुरश्री गणेशम्
पूजित विधेशम् चिन्दाधेशम्
पूर्णा त्रै तुरश्री गणेशम्
झारेः जर सरिघरीसनि पामिरे
ररे पगः सरिपछरे
अरतकविष सुन्दरपादव पजननिरदोहं तावक।
डर्छिनावी मुखसोभित महातम्
दाचिन्य करुणा नितमन है गवन्तम्
दाचिनावी मुखसोभित महातम्
दाचिन्य करुणा नितमन है गवन्तम्
भूरिको
भूरिको पहतं बहुविक्नहल्तं अजेजय प्रजाश विनुदेः अहंतं
भूरिको पहतं बहुविक्नहल्तं अजेजय प्रजाश विनुदेः अहंतं
सारीगः सरीगःेगः सनीपाणिरिगः पगसनीपगारीगः सरीजगः गबानि सरीगः मगर्दिगःँ णिनिगः जनीपगःपा सरीजगः गबा इपदीश लोगमुसाव्च आरफकवीष्य शुंदर पालुसाैने हरा� qualar
आदव पजन निरोगम आवक