राम चंद्र कह गए सियासे, ऐसा कल जुगी आएगा, पत्मी पलंग पर बैठेगी, और पती पैर दबाएगा
जुठे का बोल बाला होगा, और नेता मौज उडाएगा, और दिन अगनी इस्त्रियों का, होना फैसम कहलाएगा
जुठे का बोल बाला होगा, और नेता मौज उडाएगा
कि भारत के नारी हवू, मन मेला बिचारी सारी पेन हल करव।
कि भारत के नारी हवू, मन मेला बिचारी सारी पेन हल करव।
काहे के धैले भारू, जिन्सी के बेमारी सारी पेन हल करव।
भारत के नारी हवू, तनिला बिचारी सारी पेन हल करव।
भारत के नारी हवू, तनिला बिचारी सारी पेन हल करव।
काहे के धईले बारू जिनसे के बिमारी सारी पेन हल करो
काहे के बिमारी सारी पेन हल करो
काहे के बिमारी सारी पेन हल करो
एक हो ललाल पिया रे एक हो सब्भेद हो
अभियों से जानो धुनिया सारी के बेद हो
एक हो ललाल पिया रे एक हो सब्भेद हो
एक हो ललाल पिया रे एक हो सब्भेद हो
एगो हासाई एगो रोआई पुका फारी सारी पेन हल करण
एगो हासाई एगो रोआई पुका फारी सारी पेन हल करण
काहे के धोईले बाडू जिनसे के बेमारी सारी पेन हल करण
एगो हासाई एगो रोआई पेन हल करण
कवी कहतनी कि अगर मन सुध रही विचार सही रही
तथ भगवान भी अपना वो भगप के औरजी के सुनी ले पिकार के सुनी ले
दुख के घड़ी में ख्रा हुई ले कब कब द्वापर में जब दुरोपती पुकर ली तथ भगवान
दुख के घड़ी में जब दुरोपती पुकर ली तथ भगवान
दुख के घड़ी में जब दुरोपती पुकर ली तथ भगवान
दुख के घड़ी में जब दुरोपती पुकर ली तथ भगवान
दुख के घड़ी में जब दुरोपती पुकर ली तथ भगवान
दुख के घड़ी में जब दुरोपती पुकर ली तथ भगवान
दुख के घड़ी में जब दुरोपती पुकर ली तथ भगवान
Đang Cập Nhật
Đang Cập Nhật
Đang Cập Nhật
Đang Cập Nhật