भातर ताड़ी घाना में
भाव जी रे काई भाई पाड़ी बाव रही
भी का लागा तावे तूर होठ के लालाईया
भाव जी रे काई भाई भाई पाड़ी बाव रही
भी का लागा तावे तूर होठ के लालाईया
मख गई के लावा जिस जवानी पूटेला
हो जां वाण पूटेला
भातर ताड़ी घाना में सू केला
लोहर कर खाना में उठेला
भतर तड़ी खाना में सूतेला लोहर कर खाना में उरुठेला
अरे तर कायन कर खनवा में एक बल्टी पानी डाल देती जुड़ा जा
तर खाना में उरुठेला
तर तर पसीना छूते पोरे पोरे देहिया टूते
जारे लाजिया रवा हमूदार कहियों ना घर वह सूते
रखा रखा ये भाउँजी घेरा में उत पड़ गई लबनी के फेरा में
रही परसान भी तरी दाम भूतला हो देवरू
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तोरी हाल देख के भवजी अमरो बुद्धी में बुद्धी घुरा गई बार
महुआ के जैसे सौमा जूए जवानी आहा काया छोछा ना वेह अभिसे छोड़ी ना याक्वानी आहा अरे का कही
बताओ तानी तोहर का दीजी निगिया नास भावजी करना दल उदूसर तलास भावजी याईल देहो अभिराम जूदो
हाल ना
पूछला हो नाही भाल पूछला भातर तड़ी खाना में सूतेला नहर कर खाना में उठेला
जाये दे भावजी सी जनवा खतम हो जाई ना उखोदार जेस्ट हो जाई