मैं बस टाचारी सोचू घर पे होंगे दो दो गाड़ी
क्रिकेट बच्चपन में खेला होली हो या फिर हो दिपाली
एकसर में बचकर रहता मेहनत वाली सब कामों से
फिर भी सोचू जेवे फुल होगी मेरी अभी नामों से
शाम के बसते हैं जैसे पाच गुटने लगता गड में सास
टाउन के चकर मारू फिर में चार पाच और फिर में राज
बेसिक मेरा रूल नेवर ट्रस्ट अन मा कूल में टेखी तो अब बसूल है
बिकते ना छोटे मूल पे तलबे चाटे ना किसी भाई की
किरकेट बच्चमन में खेला होली हो या फिर हो दिबाली
एकसर में बचकर रहता मेहनत वाले सब कामों से
फिर भी सोचू जे बेफुल होगी मेरी अभी नामों से
लड़े यहाँ चाली सारे लगे मुझे ठक्स
हटे ले से पैसा जो ना माड़ा फिर ड्रक्स
दिन के चौदर घंटे अभी दे जोल जाल में
पूरे टाइम फेड निकोटीनियन मैं नाप्स
मीठी मीठी बाते यहां लोड़े सारी चालबास
दिखी मेरी बाते तभी लड़के ना आसपास
फटेले से हालत भी चलाता मैं राजपाट
जो भी यहां तेज चली मारो उनके रोजगार
हर दिन गाले लिखो लिस्ट फिर भी ग्रोथ रेट
मौके पे जो काम दे दे वही मेरे सोल मेट
घर गुसे साम को तो मुँ में पहले कोल गेट
फजर क्या जान होते जाते सोने ओन बेट
तू जो बने चाल बस तो हम ही बेटे फ्रॉड हैं
मुँसे निके लब्स तो फिर बेटे सुन ले गौर
तेरी नॉनसेस बातों का मैं रखू हर जवाब
इनके तूत प्रेम मारू तूरी दूत वाले दात
लाग दे दे साथ तो फिर देंगे हर जवाब रे
तू जो बने चाल बस तो फिर बेटे सुन ले गौर