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V.A
Charit Hi Safalta Ka Sadhan Hai

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पेट की मोटर में खाने की सवारी कंभरो
क्यों क्यों क्यों की फिल हो जाएगी ओवर लोड हो जानी की बाद
फिल हो जाएगी ओवर लोड हो जानी की बाद
उसके रा कर चंक
दिए हो कुछ हम से फरिमाने की बात बिजलियां चमिका रहे हो फूले वरिशाने की बात मुश्करा की चलती है
विदायक जी बहुत भाग दानी है बहान अच्छा सुभाव मैं प्रेमपुरा आया मुझको बहुत अच्छा लगा
एक बार और आया था मैं कई बार आया था पर भी बिछले वर्ष रितु में आया था
तो मेरी शवी गाड़ियां जैसे फ़स गई थी यही रोड रोड में सब चिखला चाला तो मैं टेक्टर पे बैठके उधर गया था
मैं सुचा रे राम राम अभी भी मेरी दो गाड़ी बहरे खड़ी है आई नहीं पाई है यह सब फ़स जाता है
है मारोट रोड सब्सक्राइब को कि तुम रोड सुधार देना और मैं लोगों को जिंदगी की रोड पर चलने का
तरीका सुधार दूंगा इसका है ठीक है मुश्कना कर कहो ठीक है कि यहां तक करना है मेरा यह प्रचार सेंटर है
कि राम
रमशुरुप मीनक का घर मैं शट से आ जाऊं यहां फट से निकल जाऊं फसना नहीं अशिर्वाद देने में शमुद्र उडेल दूंगा और रोड बनाने में पूरा इंटा पत्थर उडेल देना
बस दोनों तरफ से फाटक खोलना चाहिए अशिर्वाद भी खोलेगा और आपका फंड का खजाना भी खोल जाए
साहे बंद की ताली बजादो जोरदा
तो
और जिसकी नीश्ठुर बा temu निजतल मने कठोरो चोड़ गहायल करने वाली में दुख देने वाली चोट
पहुंचज़ेने वाली ऐसे बात जो बोलता है इसको वहीं बोलता है इस बढ़ायी दरीद्रा चाहे
इसलिए कड़ूई बानी बोलना बंद करो
उल्जन में मत रहो
इस जगत का सिस्टम सब ऐसे चलता रहता है
तुम्हारा जो कर्तब्य हो इसको पूरा करो
बहुत परेशान मत रहो
कर्म करते रहो फल तो आएगा ही
कर्म करने में कसर मत रखो
गुरु का कर्तब्य आशिर्वाद देना उसमें वो कसर न रखे
जैसे विधायक जी ने कहा न आशिर्वाद देने में कंजूसी न करना कसर न रखना
वो सही कहा मैं आशिर्वाद देने में कंजूसी नहीं करूँगा
उड़ार
दोनों ग्जब करें व्सतों में हमारा कर्तव्य पूरा करना मेरा धर्म
और हर व्यक्ति के साथ में कर्तव्य का धर्म जुड़ा हुआ
कोई व्यक्ति ऐसा जगत में नहीं है जिसके पास में धर्म ना कहता हो कि तुम्हारी कर्तब्य की जिम्मेदारी कुछ है
सबकी जिम्मेदारी है इसलिए अपनी अपनी जिम्मेदारीयों को ठीक से निभाओ और निष्ठुर भाषण मत प्रेम से बोला करो
और जिनके बीच में रोज रहते हो सुबे से लेकर साम तक उनके बीच में ज़्यादा साउधान रहिए
अपनी पतनी से भी प्रेम से बोलो पती से भी प्रेम से बोलो एक लड़की कह रही थी जो मेरा पती है
ये मेने लम मेरेज किया
तो जब तक मेरेज नहीं किया
तब तक ये लबरा
बहुत खिशा कानता था बुस्करा था
जिस तिन से लम मेरेज हुई है
अब ये इतना क्रोध
करता है ये तंग हो गई इसलिए
तальном ने का फिर
क्या करोगी या
करेंगे क्या भोग रहे हैं तो हमने उसकी पति से पूछा तुम बताओ क्या हाल है अरे बोले यह लड़की हमको
फसाने के लिए बहुत मुश्कराती थी वह सब फजा के दुर्दसा किया है ना मैं मावाब कर रहे गए उल्लू कहीं की
अब वह उससे दुखी वह उससे दुखी यह क्या लफड़ा बना रखा है कि लम मेरिज हो या कोट मेरिज हो या सोशल मेरिज
हो जैसी हो लेकिन दो आत्माएं हैं कि पति-पत्नी सांस-बहु पिता-पोत्र कि यह दो का रिष्टा जो है
कि इसमें
और जैसे तो मधूर्ता का ख्याल करते हो तो कुट्टे बिल्ली घावैं से भी मधुज प्रेम कर लेते हो तुम तो
प्रेम कि सांगर हो तुम्हारे पास प्रेम की कमी नहीं है लेकिन तुम अंदर निश्चे बनालो संतल बनालो मन में ठान लो
कि सबके साथ हमको प्रेम का ब्यूहार करना है
तो प्रेम की तुमारे पास कमी नहीं है
सबको प्रेम की गंगा में शनान करा सकते हो
अपने जीवन को शुखी बना सकते हो
फिर तुमारे घर में दरिद्र नहीं आएगा
मृदो बानी से उन्नती भी बहुत होती है
इसलिए अपनी बानी पर भी नियंत्रन रखो
आप कहीं भी देख लीजिए
राजनीती का चेत्र हो या बिजनिस की फिल्ड हो
या सादू समाज का लाइफ हो
जिनोंने अपनी बानी पर संयम साधा है
जिनोंने अपने सुभावों को ठिक किया है
जिनोंने अपने चертв को चमकाया है
और जिनोंने कर्म करने में हमेशा सत कर्म किया है
और जिनका बिवहार परवल सच है
ऐसे लोग कभी कभी कभी कभी
जिन्दगी में बहुत बड़ी उचाईयों पर पहुँसते हैं
और पहुँचने के बार नीचे नहीं उतरते हैं ठहर जाते हैं आगे बढ़ते चले जाते हैं
क्यों क्यों क्यों की फिल हो जाएगी ओवर लोड हो जानी की बाद
फिल हो जाएगी ओवर लोड हो जानी की बाद
उसके रा कर चंक
दिए हो कुछ हम से फरिमाने की बात बिजलियां चमिका रहे हो फूले वरिशाने की बात मुश्करा की चलती है
विदायक जी बहुत भाग दानी है बहान अच्छा सुभाव मैं प्रेमपुरा आया मुझको बहुत अच्छा लगा
एक बार और आया था मैं कई बार आया था पर भी बिछले वर्ष रितु में आया था
तो मेरी शवी गाड़ियां जैसे फ़स गई थी यही रोड रोड में सब चिखला चाला तो मैं टेक्टर पे बैठके उधर गया था
मैं सुचा रे राम राम अभी भी मेरी दो गाड़ी बहरे खड़ी है आई नहीं पाई है यह सब फ़स जाता है
है मारोट रोड सब्सक्राइब को कि तुम रोड सुधार देना और मैं लोगों को जिंदगी की रोड पर चलने का
तरीका सुधार दूंगा इसका है ठीक है मुश्कना कर कहो ठीक है कि यहां तक करना है मेरा यह प्रचार सेंटर है
कि राम
रमशुरुप मीनक का घर मैं शट से आ जाऊं यहां फट से निकल जाऊं फसना नहीं अशिर्वाद देने में शमुद्र उडेल दूंगा और रोड बनाने में पूरा इंटा पत्थर उडेल देना
बस दोनों तरफ से फाटक खोलना चाहिए अशिर्वाद भी खोलेगा और आपका फंड का खजाना भी खोल जाए
साहे बंद की ताली बजादो जोरदा
तो
और जिसकी नीश्ठुर बा temu निजतल मने कठोरो चोड़ गहायल करने वाली में दुख देने वाली चोट
पहुंचज़ेने वाली ऐसे बात जो बोलता है इसको वहीं बोलता है इस बढ़ायी दरीद्रा चाहे
इसलिए कड़ूई बानी बोलना बंद करो
उल्जन में मत रहो
इस जगत का सिस्टम सब ऐसे चलता रहता है
तुम्हारा जो कर्तब्य हो इसको पूरा करो
बहुत परेशान मत रहो
कर्म करते रहो फल तो आएगा ही
कर्म करने में कसर मत रखो
गुरु का कर्तब्य आशिर्वाद देना उसमें वो कसर न रखे
जैसे विधायक जी ने कहा न आशिर्वाद देने में कंजूसी न करना कसर न रखना
वो सही कहा मैं आशिर्वाद देने में कंजूसी नहीं करूँगा
उड़ार
दोनों ग्जब करें व्सतों में हमारा कर्तव्य पूरा करना मेरा धर्म
और हर व्यक्ति के साथ में कर्तव्य का धर्म जुड़ा हुआ
कोई व्यक्ति ऐसा जगत में नहीं है जिसके पास में धर्म ना कहता हो कि तुम्हारी कर्तब्य की जिम्मेदारी कुछ है
सबकी जिम्मेदारी है इसलिए अपनी अपनी जिम्मेदारीयों को ठीक से निभाओ और निष्ठुर भाषण मत प्रेम से बोला करो
और जिनके बीच में रोज रहते हो सुबे से लेकर साम तक उनके बीच में ज़्यादा साउधान रहिए
अपनी पतनी से भी प्रेम से बोलो पती से भी प्रेम से बोलो एक लड़की कह रही थी जो मेरा पती है
ये मेने लम मेरेज किया
तो जब तक मेरेज नहीं किया
तब तक ये लबरा
बहुत खिशा कानता था बुस्करा था
जिस तिन से लम मेरेज हुई है
अब ये इतना क्रोध
करता है ये तंग हो गई इसलिए
तальном ने का फिर
क्या करोगी या
करेंगे क्या भोग रहे हैं तो हमने उसकी पति से पूछा तुम बताओ क्या हाल है अरे बोले यह लड़की हमको
फसाने के लिए बहुत मुश्कराती थी वह सब फजा के दुर्दसा किया है ना मैं मावाब कर रहे गए उल्लू कहीं की
अब वह उससे दुखी वह उससे दुखी यह क्या लफड़ा बना रखा है कि लम मेरिज हो या कोट मेरिज हो या सोशल मेरिज
हो जैसी हो लेकिन दो आत्माएं हैं कि पति-पत्नी सांस-बहु पिता-पोत्र कि यह दो का रिष्टा जो है
कि इसमें
और जैसे तो मधूर्ता का ख्याल करते हो तो कुट्टे बिल्ली घावैं से भी मधुज प्रेम कर लेते हो तुम तो
प्रेम कि सांगर हो तुम्हारे पास प्रेम की कमी नहीं है लेकिन तुम अंदर निश्चे बनालो संतल बनालो मन में ठान लो
कि सबके साथ हमको प्रेम का ब्यूहार करना है
तो प्रेम की तुमारे पास कमी नहीं है
सबको प्रेम की गंगा में शनान करा सकते हो
अपने जीवन को शुखी बना सकते हो
फिर तुमारे घर में दरिद्र नहीं आएगा
मृदो बानी से उन्नती भी बहुत होती है
इसलिए अपनी बानी पर भी नियंत्रन रखो
आप कहीं भी देख लीजिए
राजनीती का चेत्र हो या बिजनिस की फिल्ड हो
या सादू समाज का लाइफ हो
जिनोंने अपनी बानी पर संयम साधा है
जिनोंने अपने सुभावों को ठिक किया है
जिनोंने अपने चертв को चमकाया है
और जिनोंने कर्म करने में हमेशा सत कर्म किया है
और जिनका बिवहार परवल सच है
ऐसे लोग कभी कभी कभी कभी
जिन्दगी में बहुत बड़ी उचाईयों पर पहुँसते हैं
और पहुँचने के बार नीचे नहीं उतरते हैं ठहर जाते हैं आगे बढ़ते चले जाते हैं
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