चोरा हर्याण का बैठ गया रे दिल्ले हार के
जब वाथे धीमेधी चाली रे धाथेन हार के
चोटी चोटी आँख थी उसकी क्यूट समाइल छेहरे पे
जादूगरणी बन कैनेवा जादू करगी मेरे पे
जब वाथे धीमेधी चाली रे धाथेन हार के
चावर ये नरेंदर की वा नींदोडा गी राता की
बहुवाला यो चावर खाना रोटी उसके आथा की
जब वाथे धीमेधी चाली रे धाथेन हार के
जब वाथे धीमेधी चाली रे धाथेन हार की