चित्थी सजना दियाई
चुमसी नैनाल लाई, चित्थी सजना दियाई
होदी पढ़ के लिखाई, मेरी अख्पार आई
चित्थी सजना दियाई
केड़े देस चुर गयों, फता दस कहते जान्दों
यारा तुरने दे वेले, थोड़ा हस के ते जान्दों
गल मुक दी मुकाई, बन गयों हर जाई
तेनों समझ ना आई, कानों कित बेवफाई
तेनों याद कर रोमा, पल अखली ना लाई
छित्थी सजना दियाई
आयां सामने जमाना, सारा वत पुराना
ओ गलियां चबारे, जिथे खेड़ दे सी सारे
जिथे होयां सी लडायां, जिथे इशक पढायां
जी दे नाल दिल लाया, जिनना आई
जिनना आई, जिनना आई, जिनना आई
जी दे नाल दिल लाया, जिनना अपना बढ़ाया
हे ना सारे आई गल्लां, या किसी ने विचलाई
छित्थी सजना दियाई
छित्थी सजना दियाई, चुम सी ने नाल लाई
ओदी पढ़ के लिखाई, मेरी अक्पर आई
छित्थी सजना दियाई
चुम सी ने नाल लाई