पैपर थर्टीन
पे क्या जोर था पल बिते लम्हें अब लड़की वो पेट से
बताया जो लड़के को दैशक थी वैस पे
मन करके बोला के बच्चा तो अपना है दुनिया से
तूर भले जिनता इसको रखना है भागे तयारी से
आगे वो दिल्ली लड़की की कलती थी सुनली जो दिल्की
लड़का था गायब अब कशमीरी केट से
दिक्कत थी लड़की थी नौ महिने पेट से
कोड रेट लाल बती वाले रेट लाइट पे
मॉलेस्ट करे विक्टमस को गुंडे गरे
एडलाइस ये बात मारो कितनी बर
रूप ये सकता नहीं मुद्धों पर बात करे
आई कभी सता नहीं लेबर का पेन
चीखे वो मारे
दिल वाली दिल्ली में बैरे थे सारे
एक आया बनके बाई खुदा का बंदा
ना पता बेचारी को काला वो मन का
हाई एनस्लीसिया के डोस लगे है टाइट
उठी जो पता चला एरिया था रेड लाइट
ओप्शन था बच्चे की जान या फिर धन्दा
मा तो है मा भले काम था गंदा
दिन रात लोग नोचे मरने की विश्च थी
कौन सोचो कैस हो कोड ड्रेट
लाल पती वाले रेड लाइट पे मॉलेस्ट करे
विक्टम्स को गुण्डे करें आईडलाइस ये पात
मारो कितनी पर रुख ये सटता नहीं
मुद्दोपर बात करें आई कभी सकता नहीं
कोड ड्रेट
बाप का था नाम नहीं हुआ हराम सादा
अब सोचे लड़की वो रास्ता कोई निकले
चोड़े ना तलतल समंदर जो निगले
सूट बूट वालों को जिसम जो विकते
और लोगों में अपने शरीफ हैं ये दिखते
लड़की वो रोई भाई लाख बुकार
हमारी घर पे गरीब के पर राम नहीं मिलते
थग हार वापिस फिर तलतल में लोटी
वो मजबूरी बांधे जब तरसे कोई रोटी
कोई किसमत समाज की मियत अपनी खोटी
हो रेट पुछे खुद कितने में सोपती
हो बात बोलू दुख से मैं कुछ तो बताओ भाई
बिना डिमांड के सप्लाये जिसकी होती हो
कोड रेट लाल पती वाले रेट लाइट पे
मॉलेस्ट करे विक्तम्स को गुंडे करे
आइडलाइस ये बात मारो कितनी पर
रुक ये सकता नहीं मुतो पर बात करे
आइडलाइस ये बात मारो कितनी पर