ĐĂNG NHẬP BẰNG MÃ QR Sử dụng ứng dụng NCT để quét mã QR Hướng dẫn quét mã
HOẶC Đăng nhập bằng mật khẩu
Vui lòng chọn “Xác nhận” trên ứng dụng NCT của bạn để hoàn thành việc đăng nhập
  • 1. Mở ứng dụng NCT
  • 2. Đăng nhập tài khoản NCT
  • 3. Chọn biểu tượng mã QR ở phía trên góc phải
  • 4. Tiến hành quét mã QR
Tiếp tục đăng nhập bằng mã QR
*Bạn đang ở web phiên bản desktop. Quay lại phiên bản dành cho mobilex

Darsh Amavasya Katha

-

Đang Cập Nhật

Tự động chuyển bài
Vui lòng đăng nhập trước khi thêm vào playlist!
Thêm bài hát vào playlist thành công

Thêm bài hát này vào danh sách Playlist

Bài hát darsh amavasya katha do ca sĩ thuộc thể loại The Loai Khac. Tìm loi bai hat darsh amavasya katha - ngay trên Nhaccuatui. Nghe bài hát Darsh Amavasya Katha chất lượng cao 320 kbps lossless miễn phí.
Ca khúc Darsh Amavasya Katha do ca sĩ Đang Cập Nhật thể hiện, thuộc thể loại Thể Loại Khác. Các bạn có thể nghe, download (tải nhạc) bài hát darsh amavasya katha mp3, playlist/album, MV/Video darsh amavasya katha miễn phí tại NhacCuaTui.com.

Lời bài hát: Darsh Amavasya Katha

Lời đăng bởi: 86_15635588878_1671185229650

प्रिये भक्तों, मैं आज आपको दर्श अमावस्या की संगित में पावन गाथा सुनाने जा रही हूँ।
मान्यताओं के अनुसार इस रात चंद्रदेव भगवान पूरी रात गायव रहते हैं।
और इस रात को चंद्रमा का पूजन किया जाता है।
और वेदो के अनुसार इस दिन पितर धर्ती लोग पर अपने परीजनों को आशिर्वाद देने आते हैं।
इस अमावस्या को श्राद अमावस्या भी कहते हैं।
तो आईए जानते हैं इस अमावस्या की गाता।
हम दर्श अमावस्या की पावन कथा सुनाते हैं।
पावन कथा सुनाते है चंद्र देव और पित्र देव जिक पूजे जाते है हम कथा सुनाते है
करती है व्रत पूजन जीवन सफल बनाते है पावन कथा सुनाते है चंद्र देव और पित्र देव जिक पूजे जाते है हम कथा सुनाते है
हुआ काता है बड़ी महात सब सुनो लगा के घ्यात इस कथाते है पहचान मिले मुहमा ना वलगान
धर्म स्थान
तनातन का हर दिन भक्तों है अतिपावन हर दिन शुभ माना जाता होता है नित पूजन
संत रिशी देवों की ये भूमी कहलाती है गंगा यमुना की लहरी भी उनके ही गुण गाती है
मथुरा का शीव रिंदावन ये कड़ कड़ धर्ती का भारत है अतिपावन भक्तों चंदन भक्ती का
इसे तरह ही पित्र देवों का भी होता पूजन उसे रात को करते है फिर कलान धीवंदन
इनके पूजन से सुक सम्रिध्धी हम पाते है
पावन
कथा सुनाते है चंद्र देव और पित्र देव जी पूजे जाते है हम कथा सुनाते है ये कथा है बड़ी महार सब सुनो लगाते ध्यान इस कथा की है पहचार मिले मुहमाँगा वरदान
एक वर्ष में बारहाम अवस्याएं बतलाएं
महत्व सभी का अलग है बत्तों सबने है ध्याएं
किन्तु दर्श अमावस्या की एक अनोठी च्छाप
फलदाई से बतलाएं बतलाएं बतलाएं बतलाएं
सुखदाई भक्तों सुनो ध्यान से आप
पितरों की पुजा और तरपण और होता इस नान
इस दिन चंद्रदेव की पुजा का भी है विधान
इस दिन पूरी रात चंद्र ओदे नहीं होता
पूर्ण है होती कामन चंद्र पूजन है होता
इस तिथी को अगहन मास की तिथी बताते हैं, पावन कथा सुनाते हैं, चंद्र देव और पित्र देव जी पूजे जाते हैं, हम कथा सुनाते हैं
ये कथा है बड़ी महान, सब सुनो लगा के ध्यान, इस कथा के है पहचान, मिले मुह्माँगा वरदान
प्रिय भक्त जनों, इस तिथी को मान्यताओं के अनुसार,
पित्र धर्ती लोग पर आते हैं, अतह पित्रो की पूजा अर्चना करने से, हमें पित्र दोष से मुक्ति मिलती है
तथा इस दिन पित्रित तर्पण, दान पुण्य करना और गरीवो की सहायता करना, अती शुब माना जाता है
तो आईए जानते हैं कथा की माध्यों से
ज्योतिश और पोराड के शास्त्रों के भक्तों अनुसार
मन का कारण चंद्र देव जो करते हैं उठार
इस दिन अर्ध पूजन से मिट जाता है ग्रह कलेश
पूजा अर्च नदान पुन्य से खुश होते परमेश
इस व्रत को करने से सुख शान्ती घर आती है
मंगल मैं जीवन होता भ्राती मिट जाती है
चंद्र देव के पूजन से शेतलता है मिलती
भाग्यों दै हो जाता भग तो निर्धनता मिटती
बंद जो होते मारग सुख के खुल ही जाते है
पावन के परमेश
हम कथा सुनाते हैं चंद्र देव और पित्र देव जी पूजे जाते हैं
हम कथा सुनाते हैं
ये कथा है बड़ी महार सब सुनो लगा के जान
इस कथा की है पहचान मिले मोहमाना वरदान
हमारा पूजा पूजा अच्छना कृष्ण की जो करता
करके अराधना पूजा अच्छना कृष्ण की जो करता
मनमाचित फल भंडारे भरता
सोल्यास्त के बाद ही करते चंदा का पूजन
पुष्प सफेद अक्षत दीप देते हैं चंदन
पंचामृत से चंद्रमा को अर्ध चढ़ाते हैं
एक सो आठ बर जाप करके शशी को ध्याते हैं
चंद्रदेव को अपनी मुझे
भक्ती भेट चढ़ाते हैं पावन कथा सुनाते हैं
चंद्रदेव और पित्रदेव जी कोजे जाते हैं
हम कथा सुनाते हैं
ये कथा है बड़ी महार शब सुनो लगाके ध्यान
इस कथा के है पहचार मिले मुहमाँदा वरदार
प्रिये जनों इस दिवस को पित्रों का ध्यान करते हुए
तीपल के पेड़ पर कच्ची लस्सी, गंगा जल, काले तिल, चीनी, चावल, जल और फूल अर्पित करते हैं
और पित्रभ्य नमह मंत्र का जाप करते हैं
पित्रों की तृति के लिए
खीर, पूरी और मिठाई बनाकर
दक्षिन दिशा में रखकर दीप जलाते हैं
और हाथ जोड़कर शीश नवाकर नमन करते हैं
तो आईए जानते हैं आगे की कथा
इस दिन निर्धन को वस्तर का दान भी करते हैं
तिल, लकड़ी, कमबल, तेल, लड्डू भी देते हैं
जोते, आबला, फल, गाई का भी करते हैं दान
खाद समागरी के दान से होता है कन्यान
ये व्रत भक्तों चंद्र देव को हुआ समर्पित है
एक कथा इसकी ही वेदों में जो वर्णत है
राचन काल की कथा है साची सुनो लगाकर ध्यान
इस गाथा को सुनने मात्र से हो जाता कन्यान
क्या बत लाते वेद पुराण चलो सुनाते हैं
पावन कथा सुनाते हैं
चंद्र देव और पित्र देव जी पूजे जाते हैं
हम कथा सुनाते हैं
ये कथा है बड़ी महान सब सुनो लगा के ध्यान इस कथा की है पहचान मिले मुहमाना वरदान
सोमरोस पर बारा सिंग आत्माएं रहती थी कर्म के अनुसार वहाँ पर सुख दुख भोगती थी
बर्शदास के नाम की एक आत्मा बतलाई है प्रभु दया से आत्मा फिर तो गर्ब को है पाई
कुछ समय के बाद में एक बच्ची को जन्म दिया
शुभ मुहान
भूरत में उसको पिर अच्छो दानाम दिया
बड़ी ही संदर थी कन्या का थाबत लाती है
बर्शदास की देख रेक वे प्यार को पाती है
बिना पिता के दुखी थी कन्या वेद बताते है
पावन कथा सुनाते है
चंद्र देव और पित देव जी पूजे जाते है
हम कथा सुनाते है
ये कथा है बड़ी महान
सब सुनो लगाते ध्यान
इस कथा के है पहचान
मिले मुहान गावरदान
प्रिये भक्तों वेह कन्या पिता की कामना करती
और दुख के कारण रोया करती
कन्या को दुखी देख सभी आत्माओं ने उसे धर्ती लोग पर
राजा अमावसू की कन्या के रूप में जनम लेने की सलाह दी
और उस कन्या ने अमल करके राजा की पुत्री के रूप में जनम लिया
एक थी राजा अमावसू जो भक्तों बड़े महान
जनमी कन्या उनके घर में जिसका छोदा नाम
बाके पिता का प्यार दुनार वह खुश रहती है
फिर तो आत्माओं का शुक्रिया करना चाहती है
जिसके चलते उसने शाद मार्ग को अपनाया
सबसे अंधेरी रात को चुनी पित्रों को ध्याया
विधी विधान से फिर पित्रों का उसने किया पूजन
पित्र दया से फिर तो कन्या हो गई है संपन
स्वर्ग लोक से भी सुन्दन सुख मिल ही जाते हैं पावन कथा सुनाते हैं
चंद्र देव और पित्र देव जी पूजे जाते हैं हम कथा सुनाते हैं
ये कथा है बड़ी महार सब सुनो लगाते ध्यान इस कथा की है पहचार मिले मुहमाँगा वरदान
मिनचंद्रा के सोने गगन की रात जो आती है राजा मावसू के नाम से जानी जाती है
काली रात ये दर्श मावस्यामत लाई है तब से लेकर आज तलक प्रथा निभाई है
तब से पित्र धरति लोक पर इस दिन आती है
धर्म से
सनातन भक्त सभी इनको तो ध्याते हैं
पाते हैं वरसुख संपत्ती भरते हैं भटार
चंद्रदेव का पूजन करने से होता उठार
श्राद के दिन ये चंद्रदेव न नजर में आते हैं
पावन कथा सुनाते हैं
चंद्रदेव और पित्रदेव जी पूजे जाते हैं
हम कथा सुनाते हैं
ये कथा है बड़ी महार शब सुनो लगा के ध्यात
इस कथा के है पहचार मिले मुहमाना वरदार
पूजा अर्च न करके फिर तो आरती करते हैं
पित्रदेव भगवान का फिर चानी सा गाते हैं
स्तोती चंद्रदेव की करते मंगल कामना
रोग दोश मिट जाते सारी मिटती
आरती करते हैं
पित्रदेव भगवान का फिर चानी सा गाते हैं
पावन कथा सुनाते हैं
चंद्रदेव और पित्रदेव जी पूजे जाते हैं
हम कथा सुनाते हैं
ये कथा है बड़ी महार
सब सुनो लगा के ध्यान
इस कथा के है पहचार
मिले मुहमाना वरदार

Đang tải...
Đang tải...
Đang tải...
Đang tải...