हाँ तो प्रेमिश
रोताओं ये रागनी सौमवती चापसिंग के किसे की
और बात कहां से जब चापसिंग अपनी ससुराल में पहली बार जाता है
तो किस पिकार से सारे चापसिंग के आने का चाओ करते हैं
आईए सुनते हैं देहारती रागनी एंटेजे के मादम से कभीने क्या बता दिया
हेरी भर के चावें
उमंग में देख रही
या ते बात बटे उकी
ओरे कमरे के मारे
ओ कमरे के मा बिच्छा दही आ रही खाट बटे उकी
में देख रही या ते बात बटे उकी
चाप संगने ता सासू के चरणा शिश जुकाया
शास फुल केर डोटी होगी
हो क्या मन का चाया
हे धन घड़ी धन भागी ओमारे घरा बटे ओआया
घरा जमाई आवन कासा रे बेरा भिजवाया
सारा कुडबा रे सारा कुडबा दोड़ा आया मालूब बात बटे उकी
भण के चावे उमंग में देखी या बात बटे उकी
घर पुने बेकी
सभी लुगाई चोक बिचाने आने लगी खातिरदारी करने की आपस में चलह मिलाने लगी
बmeter अपनी वान्त है कि ने प्रतनाने लगी
हुडं वासिय जाले कहते हैं
उमर मोके की नस काट बटे उकी
कैचा वै उमंग मैं दे की बाट बटे उकी
हलवा पूरी खीर बना करी
भोजन की तयारी
मेवा और मिस्थान मिठाई चीज मंगा ले सारी
आलू, बेंगण, मटर, टमाटर,
गोबी की तरकारी
कोई छोड़दार, कोई छोपदार थी
सब जी न्यारी,
न्यारी रहे कोई छोड़दार,
कोई छोपदार थी
सब जी न्यारी, न्यारी
राची होके रहे,
हो,
राची होके
उसे जी मारी नस ना टूबटे उकी
अवे उमग में देखी या बाटबट पे उकी
चापशिंग गया लेट खाट पे, आप पहुंची सब चोरी,
पापा बिमला चमपा चमेली, फूल वती धनकोरी,
जीजा साली की लोगों अब हाँशी ठठा होरी,
कोई सीधे मुँसे बात करे कोई करन लगी मुँँजोरी,
हो मोतिलाल कहे,
हो मोतिलाल कहे,
फूली सास ने या ते आट बटे उकी,
भर के चावे उमग में देखी या बाटबट पे उकी,
होरी कमरे के मारे,
हो कमरे के मारे,
बिछा दे इथी या ते खाट बटे उकी,
भर के चावे उमग में देखी या बाटबट पे उकी,
भर के चावे उमग में देखी या बाटबट पे उकी,