दिवाबाद भोड़ी चार पितार लाई
कोरी केता ना हमुन के बढ़ाई है सक्खी
पबो से जिया पकड़े ना लड़ाई है सक्खी
अरे चार से ज्यादा बाने लाई
कोरी केता ना हमुन के बढ़ाई है सक्खी
पबो से जिया पकड़े ना लड़ाई है सक्खी
दिवाबाद भोड़ी पढ़िा छूबे ना ढोडी रही
सीना से साट तर नरही
दिवाबाद धोड़ी चार आट तर नरी
तिवाबाद धोड़ी चार आट तर
पड़ी हामारा के जाने जमन कोही तमन मने है पागल देवर
है पागल देवर
उठाबा के लल्लियाए गुझे गुझे कलियाए कबा हु भिकारात ताहि
दिवा आज धोड़ी चानात ताहि
दिवा आज धोड़ी चानात ताहि
दिवा आज धोड़ी चानात ताहि
दिवावन खोड़ी चाहा पिता लाई
पिछ पाई पिस्वजीर भुग्गा लाला
करे धोडिया के पुजा काम करे नाही दुजा बड़ी लागे सरम
बड़ी लागे सरम
करे धोडिया के पुजा काम करे नाही दुजा बड़ी लागे सरम
भीरी भीरी अमाणक, करे चबुमाणक
सुझित जाना पुता नही
दिवावन खोड़ी चाहा पिता लाई
दिवावन खोड़ी चाहा लाई
दिवावन खोड़ी चाहा लाई
खोड़ी चारा तुकारा नहीं
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