गान्ची
सत्परकास दुबे का दुशर का नमर का बेटवा
अपना बढ़का भाई
देवेस से कहरालबा की भाईया हमार जनम दिन हो
हमके केक लेयी हो
ए भाईया हो
अपना छटका भाई के देवेस धिरज बधारालबा भाई रुक जो
हम जा तानी कथा कहे
उधर से जब ही घरे बदरी लोट के हम आईब
तो अपना भाई खातिर केक लेके आईब
ए भाईया ये तानी कहा के देवेस कथा कहे चल गई
जब कथा कहे चल गई
तवनी समय कबीजी भिरहा में तेरी का भाव देलनी
अरे नफरत की आगी जौला बनी गई
तक गईले सुबह समयरे खेत प अपने गौला हो
नफरत की आगी जौला बनी गई
वही जीला पंचाय सदस प्रेम नात यादो शाबरवां का समय बा वाए
शाठ्यो बता देना चाहताँ इश्ट 2 अकटुबर शन्दो हजार तेइस
आने की आज से तीन दिन पहले
जोनी समय खेतवा पर मुन्ना भेया पहुचत होगा वो समय कभी विदेशी आमे भाव लिखत होगा
कैसे मास्टर
पर प्रेम नात यादो शाबरवां का समय बा वाए
शाठ्यो बता देना चाहताँ इश्ट 2 अक्टुबर शन्दो हजार तेइस
जोनी समय खेतवा पर मुन्ना भेया पहुचत होगा वो समय कभी विदेशी आमे भाव लिखत होगा
कैसे मास्टर
इहे भाव कभी जी लिखलन मुन्ना भेया
खेता में सागाव ना गीरल रहल प्रेमा यादो जी के
बाइक पर सावार होके अईले ओही जुनिया
खड़न जापे खड़ा करके प्रेमा नेता जाए लगले
दूबे जी कम एले हवा अरे रही ना नी सुनिया
ए बाबू जौनी समय भाबू प्रेम नात अपने क्हितवा पर पहुचलन
रोडवा पर बाइक खड़ा करके क्हितवा के आसपास जब धारे लगलन
तवनी समय वही शादू दूबे का बड़ा भाई सथ परकाज दूबे आ करके
जाने क्या क्या भला बुरा वह प्रेम नात को कहने लगे
तब भाईल का तु तु मे मे मे देखा
हाथा भाईल ओलेला गली अरे जुटी गईले दूबे जी का
अरे पुरा तब पारानी हस्याटा गारी लगे
अरे दाउड़ा लगे ली नारी लगे
अरे मारी मारी पापिया की रवाले गुमानी
जब प्रदान जी गुमत रहन जिला पंचाय सदस्य का वा प्रेम ना थे आदो
जवनी समय के थवा पर गुमत रहन बाबु शत्य परकास दूबे आकर भला बुरा करने लगे
जवनी समय कहता रहन आई बाबु ओ समय प्रदान जी आँ जोड़ के कलन साब बात कहा हम लोग आपस में बेट के एकर संजवता कर लेल जई
सत्य परकास दूबे का पूरा परिवार हतियार लेकर के वहाँ जूट गई
सत्य परकास दूबे का पूरा परिवार प्रेम ना थे आदो के मारे लगे
समय बाबों प्रेम ना थे आदो गिरल हुआ हाथ हावा जोड़ करके वह सत्य परकास दूबे से इहे बतिया रोरो के उनकरा पूरा परिवार के समनवा हाथ जोड़ करके चरनिया पगीर के रोवे प्रेम ना थे
कैसे रोवे या नहीं आदो गिरल हुआ हाथ हावा जोड़ करके ना थे
कैसे रोवे नहीं आदो गिरल हुआ हाथ हावा जोड़ करके ना थे
कैसे रोवे नहीं आदो गिरल हुआ हावा जोड़ करके ना थे
कैसे रोवा नहीं आदो गिरल था
कैसे रॉप कुछ बोलमा ठाप ढे
कैसे रोवे नहीं लगते हैं
शिर्रं जान्दा भी दंधी
में प्रेट ते कहा
कैसे रोवे नहीं आदो गिरल था
कैसे रोवे नहीं आदो गिरल था