
Song
V.A
Dhanya

0
Play
Lyrics
Uploaded by86_15635588878_1671185229650
यदा यदा ही धर्मस्या ज्यानिर्ववति भारता
अभ्योधानम् अधर्मस्या तदात्मानं शजाम्यहं
यदा यदा ही धर्मस्या ज्यानिर्ववति भारता
अभ्योधानम् अधर्मस्या तदात्मानं शजाम्यहं
यह नदी समुंदर गैरा है पानी भी अब क्यों ठैरा है
क्यों चंद्र गुत की चमक नहीं सूरज भी अब कुछ केरा है
इस बूमी पे तेरी रास है तू अलग चमक तू खास है
अब लोटके आजा तू घर को इक तेरी सब को आस है
वो धन्य धन्य हो मा तेरी जिस माने तुझ को जनम दिया था
उसका कभी अपमांद हो जिस माने तुझ को शरण दिया
यदिया वोनि सुम्मी दिया जेमी तुम्हां दूahaha
جس ماں نے تجھ کو شرن دیا
ओ दन्य दन्य
ओ दन्य दन्य
हर जनम शरण हर करम धरम
हर तनमन सब सनातन
अब आच ना आने दू इस पे है जीवन मित्तु सनातन
ओ दन्य दन्य
हर जनम शरण हर करम धरम हर तनमन सब सनातन
अब आच ना आने दू इस पे है जीवन मित्तु सनातन
फिर या के तू दो हाड दे इस आसमान को फाड दे
शैतानों के तू मुँ बंद कर मुगलों को फी से गाड दे
इस भूमी की वो निशानी हर दुषमन से ढकराया
उसे धेक हवा भी काप उठी हर तरफ सनातन चाया
जब मन में उसके क्रोध उठा वो काल बन के मंडराया
रक्त का दान्डव ऐसा है फिर के सर्या नहराया
ओ धन्य धन्य ओ मा तेरी जिसमाने तुझ को जनम दिया
ना उसका कपी अफ़मान हो जिसमाने तुझ को शरण दिया
यदा यदा भनि धर्मस्या याने भवति भारता
अभ्यो नानं अलंमच्यः रदाद्मानं शजाम्यवः ओ धन्य धन्य
ओ धन्य धन्य
अभ्योधानम् अधर्मस्या तदात्मानं शजाम्यहं
यदा यदा ही धर्मस्या ज्यानिर्ववति भारता
अभ्योधानम् अधर्मस्या तदात्मानं शजाम्यहं
यह नदी समुंदर गैरा है पानी भी अब क्यों ठैरा है
क्यों चंद्र गुत की चमक नहीं सूरज भी अब कुछ केरा है
इस बूमी पे तेरी रास है तू अलग चमक तू खास है
अब लोटके आजा तू घर को इक तेरी सब को आस है
वो धन्य धन्य हो मा तेरी जिस माने तुझ को जनम दिया था
उसका कभी अपमांद हो जिस माने तुझ को शरण दिया
यदिया वोनि सुम्मी दिया जेमी तुम्हां दूahaha
جس ماں نے تجھ کو شرن دیا
ओ दन्य दन्य
ओ दन्य दन्य
हर जनम शरण हर करम धरम
हर तनमन सब सनातन
अब आच ना आने दू इस पे है जीवन मित्तु सनातन
ओ दन्य दन्य
हर जनम शरण हर करम धरम हर तनमन सब सनातन
अब आच ना आने दू इस पे है जीवन मित्तु सनातन
फिर या के तू दो हाड दे इस आसमान को फाड दे
शैतानों के तू मुँ बंद कर मुगलों को फी से गाड दे
इस भूमी की वो निशानी हर दुषमन से ढकराया
उसे धेक हवा भी काप उठी हर तरफ सनातन चाया
जब मन में उसके क्रोध उठा वो काल बन के मंडराया
रक्त का दान्डव ऐसा है फिर के सर्या नहराया
ओ धन्य धन्य ओ मा तेरी जिसमाने तुझ को जनम दिया
ना उसका कपी अफ़मान हो जिसमाने तुझ को शरण दिया
यदा यदा भनि धर्मस्या याने भवति भारता
अभ्यो नानं अलंमच्यः रदाद्मानं शजाम्यवः ओ धन्य धन्य
ओ धन्य धन्य
Show more
Artist

V.A68670 followers
Follow
Popular songs by V.A

Mashup 3 In 1 - Để Anh Lương Thiện, Anh Thôi Nhân Nhượng, Đừng Hỏi Em Ổn Không (Huy PT Remix)

06:42

Uploaded byWARNER RECORDED MUSIC