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Dhilai Raja Ji
V.A
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Lyrics
Uploaded by86_15635588878_1671185229650
हम निशा पांडेलावर सबके बीच में एक बहुत बड़ा दुख लेके आएल वानी
कैसा दुख बाई जी?
इचार के दुख बाई
मेहरारू के दुख बाई जुजी तोरा ना भुजाई
हम हो मेहरारू बाई हुई
महिरार्वाला बहूना लगी लिक्केणी दुख जो है ये महिरार्वाला बूजबाई
रुई नाते तुई
कहल बा ये कहावत बा
ये महिरार्वाला अपन भाव कैसे कहती है
बिरेंदर जी औिकरा के छोड़ के चल गईेल बाडे
सुनिल जी से कहा तारी सुनिल जी से कहा तारी जाना तारी ठंडी के दिन में जाड कैसे जाला
तारी ठंडी के दिन में जाड कैसे जाला
तारी ठंडी के दिन में जाड खुद रுइ ठुशल पढ़िया एगो मुटहर 사�ए psychelujah जाड खुद रूँ ठुशल पढ़िया एगो मुटहर
ayyaal पसंद रखे सस्तीर आजा Some one more should have added that to the song
जब से गईला तू कमाए के भिलाई राजा जी
जाए जात नाइखे उड़लों से रजाई राजा जी
मूर्ख ली लिया।
एक ट्रैक्स ऐड ग्रास वाधा सिंगर अपने फिर मिल सकता।
Fit- denk.com
जाता संया शाथरी
मूर्ख ली लिया राजा जी

सूतर वसिहरने उठे बागे से तला हरी
कापिला करे जाचवा जाता सैया हारी
दूर रहके नाहे हमके तड़पाई ने राजाजे
जाड़ जात नैखे उड़लों से रजाई राजाजे
एजी बड़ा जुलम भाईल बा
एक दर ठंडी बढ़ता अपाईसे हवा चलता
बॉल ताटे जाड़ा अपड़ा जुलम भाईल बाटे
ओहू में सोनने सोनने हवा चलता ते
इस विल्लाठा कुछ लिखे बाद भाही बाद जूलम भाईल बाद पाले
पारत बाते जाना काड़ा जुलुम भाईल बाते
ओगुम सोनन सोनन हावा चला ताटे
कुछ दिन्दा विहारों में बिताई राजाजी
जाड़ जात नाईखे उड़लों से रजाई राजाजी
रवा बुझत नाईखी हमरा के कितना तकलीफ होता
जानत नाईखी हम अकेला सूत नाईखी पाइला
जाड़ में नीद ना भेला सुनी नाईखी
जल्दी वापस आ जाए
हमार दुख बुझी अरवध कह देता नी
कि आ जाए ना तो सुनली ही एदवा पारी बहुत बुरा हो जाए
हमना से कुछ हो जाए तो हमना बोली हमार
आई कैसे कहा तानी
आई कैसे कहा तानी
सारी दी कैसी तमणाई, नीशा से सहाई, लेके छुट धार म्याई, नेगिया नुटाई
सारी दी कैसी तमणाई, नीशा से सहाई, लेके छुट धार म्याई, नेगिया नुटाई
लेके बहीया, कितना याद आवता तो हाई, कैसी कहे हम तो कि
ठंडी के दिन में
ठंडी के दिन में
शुबहम जी के मेहरारू आगल बाड़ी, हमारा द्वी हमना से दूर बाड़े, छतिस गण में का करता राजी, जल्दी चल आई ना
लेके बाही या मैं हमके तसुताई नी राजा जी, सुनी ना
लेके बाही या मैंें का हमके तसुताई नी राजा जी, चाड़ जा कनाई खे अउंधलों से रजाई नी राजा जी
जब ते काई ला तू कमाई भिलाई ही राजा जी
जब ते काई ला तू कमाई भिलाई ही राजा जी
जड़ जात नाइखे उड़लों से रजाई राजा जी
जड़ जात नाइखे उड़लों से रजाई राजा जी
जड़ जात नाइखे उड़लों से रजाई राजा जी
शरीर की गर्मी चैहता आजानत नहीं खा
इद गर्मी जोन मिलेलानू वो
ये कही ना
करते हैं
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Artist
V.A
Uploaded byThe Orchard
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