मैं कुपीर फली दिहे कुपल की दे
निहिलान तु पेले बल्लाने
मैं अखियान उटके बादी हाँ
मेदे बाद तु पेले बल्लाने
डर लगदै भाणे भिकीते
भिक धान तु पेले बल्लाने
मता तारिक जतियाने घिगिनन
खाँजवान तु पेले बल्लाने
नेकुडा तुक्कुहा तो अजा तुरेजे
मेदे बल्लाने भिकीते भिकीते
डर तु केले बल्लाने
भिक धान तुकुखा तो ऩुश्यान
दर्भर नुख पैले वल्या
पुण्दे नादे कई कई कूपने हैं
तुपकर नुख पैले वल्या
मुक्तार कुमाल संभाले देवा
दर्भर नुख पैले वल्या
सादे मेटिते गुल्बती चागई
सादे मालिवी का ग्याना मंदियाते
सब्पिंगालाई वेचिदित
सादे मालिवी का ग्याना मंदियाते
साब्पिंगालाई वेचिदित
साब्पिंगालाई वेचिदित
साब्पिंगालाई में जब धीखिते
असकाने काही बेचडितल, तो आशिप वंगा आजी घिनियाई, असकाने दिया बाही बेचडितल।
रल्वस दे बेट देवासी हैं, धाना भेचीकर,
ये छादी छूई,
असकाने काही बेचडितल, तो आशिप वंगा आजी घिनियाई, तो आशिप वंगा आजी छूई,
तो आशिप वंगा आजी छूई,