जैश्टी राम
तु कैसा भक जो ना जला पाए एहंकार
जला ग्रोध जला एर्शाना बन तु सलाकार
कैसे तु करें गलत करम मूपे राम नाम है वो निरंकार
रख सबर होगा बेडा पार राजनीती वाले जैश्री राम में बसते राम नहीं है
गर तेरे दिल में नहीं तो सची तेरी पुकार नहीं है
वो प्रश्यार नहीं है तो तु सीख वो परम पुत्र परम रीथ रख मरियादा पुरुशोतम
ना कर तु चीट जाके तोड़ दे पिन्ना का कहला सीता राम न्याय हो जब खुद से
उपर कहला राजा राम शेष नाग करेगा रक्षा तेरी सरे आम मिलेगा मोक्ष तुझ क