नाही महातमे कादसी दुवादसी बाबहन भी सुन पवावलाके
नाही महातमे कादसी दुवादसी पॉंडी जी के कियावलाके
बादा महातम हो फागुन में भौवजी देवरे से रंग लगवावलाके
लल का पियार का हरी आरे का बोलो डाली
हरी आ कूच कूच की उजर का बोलो डाली
उजर का बोलो डाली
लल का پियर का हरी अर का बोलो डाली
नाही महतम पी तर पी तर के पलेट में गंग जलधार कावला के
भाडा महतम भागुन में भावजी देवरे से रंग लगावावला के
मलपूआ जो बनवा तो हर जीला ही लावे
चला देवरे संगे पलानी में पूडी पकावे
मलपूआ जो बनवा तो हर जीला ही लावे
चला
देवरे संगे पलानी में पूडी पकावे
नाही महतम सिकारी
पडीते से
उहो माले छूआवला के
बारा
महतम है फागुन में भावजी देवरे से रंग लगावावला के
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