जब से आाहि गईलो
गोदी के लाला नवा
भावा नवा के सान बढ़ गयर
भावा नवा के सान बढ़ गयर
utral
दिन रात होता गन्पति पुजा नवा,
भावा नवा,
के सान बढ़ गये
जब से आई गईले गॉदी के लल नवा,
भावा नवा,
के सान बढ़ गये
अम्मा जी रची रखी कल सासन बढ़ गये
अम्मा जी रची रखी कल सासन बढ़ गये
अम्मा जी
रची रखी कल
सासन बढ़ गये
चंडण पीढ़ा वा पोली हाले आसा नवा, भावा नवा,
के सान बढ़ गये
जब से आई गईले गॉदी के लल नवा,
भावा नवा, के सान बढ़ गये
तच्छोडी देव लोक आईले
आँगा नवा,
भावा नवा, के सान बढ़ गये
जब से आई गईले गॉदी के लल नवा,
भावा नवा, के सान बढ़ गये
आथो पहर जद मग कर जोतीया,
मधवा मुकुट सोहे गरवा में मोतीया
रोजो
दारस खातीर आबेला जहण नवा,
भावा नवा, के सान बढ़ गये ले