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Ghulamon Ko Bulati Hai
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Uploaded by86_15635588878_1671185229650
गुलामों को बुलाती है मेरे सरकार की गलिया
छलो बिगड़ी बनाती है मेरे सरकार की गलिया
गुलामों को बुलाती है मेरे सरकार की गलिया
मदीन में मुसंद सल्नू
नूर की वरसात होती है मदीने में मुसलसल नूर की वरसात होती है
यहाँ पर नूर में दोबी हुई हर रात होती है
हमेशा जग बदाती है मेरे सरकार की गलिया
मदीने में बुलाती है मेरे सरकार की गलिया
बुलामों को बुलाती है मेरे सरकार की गलिया
बुलामों को बुलाती है मेरे सरकार की गलिया
मेरे सरकार की गलियों का हर मन्जर सुखाना है
मेरे सरकार की गलियों का हर मन्जर सुखाना है
यहाँ पर मुंत जिरपल के पिचारे को समाना है
इस सब को याद आती है मेरे सरकार की गलियों
सरकार की गलियों गुलामों को गुलाती है
मेरे सरकार की गलियों
गुलामों को बुलाती हैं मेरे सेकार की गलिया
इनी गलियों में जब आता मेरे कश्रीफ बुलाती थे
इनी गलियों में जब आता मेरे कश्रीफ बुलाती थे
वो नोरानी मेहक से सारी गलियों को बसाते थे
मेहक अब भी लोटाती हैं मेरे सेकार की गलिया
सेकार की गलिया गुलामों को बुलाती हैं
मेरे सेकार की गलिया
गुलामों को बुलाती है मेरे सरकार की गलिया
चलो बिगडी बनाती है मेरे सरकार की गलिया
गुलामों को बुलाती है मेरे सरकार की गलिया
गुलामों को बुलाती है मेरे सरकार की गलिया
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V.A
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