नौजवान सड़को पर काहे उत्रा करे
किसके कहने पे सरहद पे जामरे
संसद में कौन बैठा फौज में किसका बेटा
किसकी जिद की कबरों में कौन लेटा
कब तक दब कर छुप कर हाथों में रहेगा गुलाल
एह जवान असल कब करेगी तू सवाल
यूनिवर्सिटी से सब टीचर कहां गए
उनकी जगा पर टैंक और पुलिस आए
पुलिस आए
पॉलिटिक से ही जो बना था नेता पड़ा
उसी को कहे अब बेकार का वखेडा
कब तक दब कर छुप कर हाथों में रहेगा गुलाल
एह जवान असल कब करेगी
तू सवा
कौन था किसके करीब
किसने सचाए सलीब
किसके इशारों पे गायब हुआ है नजीब
इस कतल को सूसाइड कहा
वो किसके हाथों हुआ
क्या थी वज़ा जो मरा रूहित वे गुलाल
कब तक दब कर छुप कर हाथों में रहेगा गुलाल
एह जवान असल कब करेगी
तू सवा
झाल
कि ओ
कि ओ
कि ओ
कि ओ
कि ओ
कि ओ
कि ओ
कि ओ
कि ओ
कि ओ
अगत सिंग नहरू गांधी शिवाजी अंबेड कर सर्दार किसके इतिहासों में बदले ये किर्दार
नहीं ये विधी का विधान कहें ये सेवक प्रधान कौन बदलने को बेताब है संविधान
कितने दड़कते दिल निकाल कर भेके गए
कितनों से ऐसे तमाशें देखे गए
किसकी चिताओं पर रोटियां से की गई
किसकी रोटियों की चिता बन गई
कब तक दब कर छुप कर हाथों
में रहेगा गुलार
ऐ जवान असल कब करेगी तू सवाद
जितनी थी सब तारिफे तेरे नाम कही
जितनी थी सब तारिफे तेरे नाम कही
फिर भी डेमोक्रसी तो चुप रही
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