पुरुजी थारे चरणों में अरजी मने लगाई
खाली जोली भर दो बापा मैं आशा करके आई
पुरुजी थारे चरणों में अरजी मने लगाई
जैहो बापा की
बोल संत गुरु देव महराज
जैहो
दुनिया मुझे को बांज कहे मैं सुन सुन ताने हारी
दुनिया मुझे को बांज कहे मैं ताने हारी
क्या मुझे को बांज कहे मैं सुन सुनता ने हारी
पीर फकीर सारे पूजे बटी नहीं बेमारी
दुख्या की सम झोला चारी
मैं मोत घड़ी दुखी पाई
गुरुजी तारे चरणों में अरजी मने लगाई
2. दबे गृष्टि से लियो परख नेही परत बात में पावे
3. सपने हो साकार नाथ जब मेहर खारी हो जावे
4. सपने हो साकार नाथ जब मेहर खारी हो जावे
5. सपने हो साकार नाथ जब मेहर खारी हो जावे
6. अपने हो सा कार नाथ जब मेहर खारी हो जावे
धिन दिन गात सुख तायावे पड़गी मुख पे झाई गुरुजी धर चरणों में अरजी मने लगाई
गुरुजी धर चरणों में अरजी मने लगाई
गुरुजी धर चरणों में अरजी मने लगाई
गुरुजी धर चरणों में अरजी मने लगाई
गुरुजी धर चरणों में अरजी मने लगाई
कर दो मन की चाही गुरुजी धर चरणों में अरजी मने लगाई
गुरुजी धर चरणों में अरजी मने लगाई
गुरुजी धर चरणों में अरजी मने लगाई
गुरुजी धर चरणों में अरजी मने लगाई
गुरुजी धर चरणों में अरजी मने लगाई
गुरुजी धर चरणों में अरजी मने लगाई
खाली छोली भर दोंगी
मैं आशा करके आई गुरुजी तारे चरणों में अरजी मने लगाई
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