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Hamoo Waqat Da Shah
Talib Hussain Dard
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Lyrics
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सप्तावारिण तान्यवारिण
सप्तावारिण तान्यवारिण
सप्तावारिण
सप्तावारिण तान्यवारिण
तान्यवारिण
सप्तावारिण तान्यवारिण
तान्यवारिण
तान्यवारिण तान्यवारिण
तान्यवारिण
तान्यवारिण तान्यवारिण
तान्यवारिण
तान्यवारिण तान्यवारिण
तान्यवारिण
सत्तवारिण
सत्तवारिण
सत्तवारिण
सत्तवारिण
सत्तवारिण
सत्तवारिण
सत्तवारिण
सत्तवारिण
सत्तवारिण
सत्तवारिण
सत्तवारिण
सत्तवारिण
सत्तवारिण
सत्तवारिण
सत्तवारिण
सत्तवारिण
सत्तवारिण
रग लहगिर छोले तू
रग लहगिर छोले तू
असी दरने आए छोले तू
सादे कोलुचागी दरिताई
सादे कोलुचागी दरिताई
सादे कोलुचागी दरिताई
सादे कोलुचागी दरिताई
सादे कोलुचागी दरिताई
सादे कोलुचागी दरिताई
सादे कोलुचागी दरिताई
सादे कोलुचागी दरिताई
सादे कोलुचागी दरिताई
सादे कोलुचागी दरिताई
सादे कोलुचागी दरिताई
सादे कोलुचागी दरिताई
सादे कोलुचागी दरिताई
सादے कोलुचागी दरिताई
सादے कोलुचागी दरिताई
सादے कोलुचागी दरिताई
सादے कोलुचागी दरिताई
सादे कोलुचागी दरिताई
सादे कोलुचागी दरिताई
सादे कोलुचागी दरिताई
सादे कोलुचागी दरिताई
सादے कोलुचागी दरिताई
सादे कोलुचागी दरिताई
सादे कोलुचागी दरिताई
सादे कोलुचागी दरिताई
सादے कोलुचागी दरिताई
सादे कोलुचागी दरिताई
सादे कोलुचागी दरिताई
सादे कोलुचाई
सादे कोलुचाई
रभी कदी रभी
रभी रभी रभी
रभी कदी कफा सदा करवाग
पलत्था पैठा छोड़
सयादे
सयादे
सयादे
पक्खी बेख के सोचा तैद में ली थी
जब थी गई खतम लाद
हारे राह में जी क्या कहती तो
ते इन इन खुठ होई पर
फडके निया होना किती पंछी के फर्याद
हाँ
हाँ
ते तैदी कहती तू
हाँ
हुमीद कबूल
होनी आजीवन में आजाद
हाँ
तैदी कहती तू
हाँ
हाँ
मेरा ख्याल है कि शक नहीं जोडबन हुए
हाँ
परिस्तव जोनाल
परिस्तव जोनाल
रभ्य ख्यकतिन
हाँ
हाँ देगा हुए
है रभ्य ख्यकति
कफस ता तरवाजा
लच्छा बैठा
सोड सयाद
हाँ
बखी में उठ के सोचा
कैज मैं दीदी
जा पैठी देखत हुया
हाँ
इन्ये
इन्ये
इन्ये
इन्ये
इन्ये
इन्ये
हाँ
इन्ये कुछ भरभर केंदे आउया
किती पलची ने फरियाद
तुझे ने कैद च्राहना
उमीद कभूल
नहीं तुझे नहीं मड़ा मैं आजाद
मेरा भरम
बढ़ाई रखते
मेरा भरम
बढ़ाई रखते
यही दुख करने बढ़ते
जिरों संजान लाई रखते
वो चले लंग में भूलने
जिरों संजान लाई
लाई रखते
जिरों संजान लाई रखते
जिरों संजान लाई रखते
अच्छा मैं आज़े भरमाईश ओको ओको गाने लाई
मिन्यमि की जई गलको
मिन्यमि की जई गलको
मिन्यमि की जई गलको
मिन्यमि की जई गलको
मिन्यमि की जई गलको
किसे मारे सिख कदी मुझे रांग दे बेच
किसे मारे सिख कदी मुझे रांगेच धाल गयी भी जब मैं अंदर अंदर
दिल हो मोली
मिन्यमि की जई गलको
इन्ये ही चारते मठे मठे से कुते
इनने सेहे तुमीद आग खोली
दे जीवे चंगे भले काथ नुखा मैं दे
गुन विच्चु विच्चु होली होली
पर मैश भी हो गई थे उन दो सट्टां फिर इयं ही सुनो
हाँ
वो है नहीं बजेगा
पता नहीं कोई लेला है कोई शोपडा
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Artist
Talib Hussain Dard
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