चढ़ल फगुनमा जब से बाठे
सुनि रोमा तारी जी
नोली खेले आई जीजा दीदी जो हटारी जी
चढ़ल फगुनमा जब से बाठे
सुनि रोमा तारी जी
नोली खेले आई जीजा दीदी जो हटारी जी
नोली खेले आई जीजा दीदी जो हटारी जी
बाहरे बाहर जी ग्यादव आया गईती ससुडादी में
रांग लगाके चल जैती दीदी के नाया सारी में
बाहरे बाहर जी ग्यादव आया गईती ससुडादी में
रांग लगाके चल जैती दीदी के नाया सारी में
भावी कले ले चुस्की मुश्की काटा बोह तड़ी जी
भावी कतनी चुस्की मुस्की कांट भूवतारी जी
होली खेले आई जी जा दी दी जो होतारी जी
होली खेले आई जी जा दी दी जो होतारी जी
दिवाना रबिंदर होली मैं दीजी के ही फरमाई सबा
कैक ऐसवाला होली जैसे
दिवाना रबिंदर होली मैं दी जी के ही फरमाई सबा
दूख बढ़ावत बाईस बाई
दूख बढ़ावत बाईस बाई
तुनीना दिवाना रबिंदर होली ने दीदी केई फरमाईस बाई
एक ऐसवाला होली जैसे दूख बढ़ावत बाईस बाई
लेके तक यवाय अलगी रोजे ये जिसो आताडी जी
होली खेले आई जी जा दीदी जो होताडी जी
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