देखी बिया
आहो
यही फागुन के मस्त महिना मे
एइ
एक जानी के पति पर्देश चल गेल बाड़े
आछा
उ बड़ा बियोग मे बाड़ी
कैसे हो
और का कहता डी
और काना भाव से कहता डी
आईजा
हम्रा गेट के माध्यम से सुनि जा
अरे सुनाओ बभुआ सुनाओ तोडे मे जानबा
सबु दिन रही हाहा बिदेश
होली आमे यही हाहा बलमुआ
सबु दिन रही हाहा बिदेश होली आमे यही हाहा बलमुआ
सब
दिन रही हाहा
बभुआ सुनाओ बभुआ सुनाओ तोडे मे जानबा सबु दिन रही हाहा
दिन रही हाहा बिदेश होली आमे यही हाहा बलमुआ
वक्ति निरज़ा बलेशा राजा छल गयला दीली
होली आके माज़ा बिमल असवो ना मिली
भयिल जाता पगली के भेष हो
सब्दिन रही हापिदेस होलिया में यही हापलमुआ
सकी होलि में बैगन सुहाना लगे
गोल बैगन मा के केहु न पूछे
लम बैगन मा
दिवाना लगे
सकी होलि में बैगन सुहाना लगे
सकी होलि में बैगन सुहाना लगे