गुन की बहार है रंगन को त्योहार है
भी राधा के गोरे मुखडे पर नंदलाल को प्यार है
ओ पियां गाए राग भी हाग देखो री आज जगे है भाग देखे है घर नारी सब लाल उडाए काधा आज गुलाल
बंसी वो मधुर बजाए वो मंद मंद मुसकाए हर हिदे में उम्डे खुशिया काना है रंग लगाए
हर गली में बाजे ढूल चतन पर रंग रंग लहराए रंग हात शाम ढूने शेरा दिल लिकलाए मलखाए रंग डारे राधा के गार रंग डारे राधा के गार हो री खेले नंद कोला
रंग डारे राधा के गार रंग डारे राधा के गार हो री खेले नंद कोला
बिंदावन का कड़-कड़ अतुलित अभिर गुलाल में रंग गया है
तब ताल मृतंगा क्रिश्ण रंग राधा की साजे केसर रंग में शोबित राधे
चुनुरी रंग रंग डारी लार हो री खेले नंद कोला
रंग डारे राधा के गार हो री खेले नंद कोला
होरी है पुश्पों की होरी और रंगों की राधा राणी प्रिये संगों की
नंद लाल ने आज रंगों की आया भागुन में गुलाव
पुश्पों की आज रंगों की आया भागुन में गुलाव
पुश्पों की आज रंगों की आया भागुन में गुलाव