हमारे हाथों में एक शक्ल चांद जैसी थी
हमारे हाथों में एक शक्ल चांद जैसी थी
तुम्हें ये कैसे
बताएं वो रात कैसी थी
हमारे हाथों में एक शक्ल चांद जैसी थी
हमारे हाथों में
महक रहे थे मेरे
होट
उसकी खुशबू से
महक रहे थे मेरे होट उसकी खुशबू से
अजीब आग थी बिलकुल गुलाब जैसी थी
अजीब आग थी बिलकुल गुलाब जैसी थी
हमारे हाथों में एक शक्ल चांद जैसी थी
हमारे हाथों में
उसी में सब थे मिरी मा, बहन,
बीवी भी
उसी में सब थे मिरी मा,
बहन,
बीवी भी
उसी में सब थे मिरी मा,
बहन, बीवी भी
समझ रहा था जिसे
मैं वो ऐसी वैसी थी
समझ रहा था जिसे मैं वो ऐसी वैसी थी
हमारे हाथों में एक शक्ल चांद जैसी थी
हमारे
हाथों में
तुमारे घर के
सबी रास्तों को काट गई
तुमारे
घर के सबी रास्तों को काट गई
हमारे हाथों में कोई
लकीर ऐसी थी
हमारे हाथों में एक शक्ल चांद जैसी थी
तुमें ये कैसे बताएं वो रात कैसी थी
हमारे हाथों में एक शक्ल चांद जैसी थी
हमारे हाथों में