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Song
Imtehan Nahi Mouka Hai
Kuldeep Pattanaik,
Aseema Panda
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Lyrics
Uploaded by86_15635588878_1671185229650
सासासानीसानीसा
सानीसारेगारेसा
सासासानीसानीसा
सानीसारेगामापा
सासासानीसानीसा
सानीसारेगारेसा
सनाते गूज़ रहे राहो में
कहीं और कोई
शोर नहीं
पंची चुम रहे पेर्डों पे
शब्वे लो रही है
ये सब इशारों से कह रहे है
आब
लोट चले
इमतहान नहीं मकड़ा है ये
संजेखी को...
सफर में ही उलजे हुए सब
मन्जल की कोई ख़बर नहीं
हर रोज उन ही राहों से गुज़रे
उम्र ढली पर कुछ हासिल नहीं
जब रोके तो आखे खुणे अब घर की और ये गदब बढे
जुड़े तो पाली ये
दूर लग थे थी रिष्टे चो सारी दो कदम पर ही मिल गए
तनहाई के इस नट में जब इस तिल की आवाज मैंने सुनी
तनहाय के सनाट में जब इस तिल की आवाज मैंने सुनी
शहरों की धड़कन भी तमरे लगी
यहाँ सबकी सरहदे नग हैं
साथ जब मिलके
आगे बढ़े तो दीवारे
गिरने लगे
ज़रा जरा
आशा की नई किर्मों में हाँ
आँ खुद को परखें ज़रा ज़रा
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Artist
Kuldeep Pattanaik
Aseema Panda
Uploaded byThe Orchard
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