Nhạc sĩ: shareh
Lời đăng bởi: 86_15635588878_1671185229650
कुछ शहरों की सी दूरिया ही थी
कुछ जुन से बढ़कर भी मजबूरिया ही थी
कि तुमको पाके भी ना पा सके
जो लिखा था वो गा चुके
तो गम से दुनिया पूरी बढ़ चुकी
बिलके पता लगा प्यार के क्या माइने थे
और जब नहीं तो खुद को देखू नहीं आइने में
अब सोच के भी खुद को हम ही यूँ सताए रहते
कि दिल की कली वो मौहले जो साजाए हुए थे
मैं फिलो में भी ये बिल नहीं लगता आता नहीं सुकून
ये दूरियां ये फासले या मेरा है कसून
एक सोच के मैं चुप रहूं मैं अपने में ही गुम रहूं
और पता मेरी आदत के मैं सोचता फुजरू
तुम जान लो हथेरी पे रखे जान तेरे लिए
अफसरूरते की तो दो दिन के महमान तेरे लिए
चले लाएंगे वो कभी तो ले आएंगे
हम खुशी गुलगुन आता हूँ तो जाना हर बार तेरे लिए
दूरिया हैं क्यूं तुम मेरे हो के भी ना हो सके हुँ यू
अगर कुछ नहीं तो हम सोचते भी क्यूं
ये जाने लो के तेरे बिना रिसकू
बाते याद आते याज भी क्यूं
लगती तुमको कागसी मैं लगता ही नहीं जूद तो पर कह रहा हूँ आपसी कि तुम जो चले गए तो दुनिया है जैसे खाकसी तुम करती ही नहीं बात चाना ऐसी क्या नराज की साथ हो या नहीं पर ये प्यार कभी कम नहोगा मुलाकार नहीं तो खाबों में तो मिलना हो�
तो पर खेल लेके नागे किसी घैल से दुबारा मैं यूँद लागार हूँ मैंसे अब ये पिड़ना होगा
साथ हो या नहीं प्यार कभी कम नहोगा मुलाकार नहीं तो खाबों में तो मिलना होगा
तो पर खैर लेकिन आगे किसी घैर से दुबारा
यू मैं दिल लगारू मुझसे अब ये पिड़ना होगा
पर खैर लेकिन आगे किसी घैर से दुबारा