घेमत फोंस दा
बात जानकी है इनी
बात है बात की
और जो बात कर नहीं हो जाट करे
हां
ठाड़ी सकी बड़ी छूरा थोड़ा अल्भागी
गने ठाड़ से मैं जीरा रखे मेगी मेगी
गड़ी छूरा हाथ ना आवे जी के
न चालला से काफिला
नाथ क्याफे नों स्टोक फोंस दार आलिया
इंड्यॉस्ट्री के बित्र में रुदूबा है इगर
पे आगे न फेट लियो
जिसका भी जी करजे सोने का ती
सोना है गल में
पूँसते हैं बार कदे आमा नबध मैं
बडा वाई मेरा जो काट आप रंड
बुकां जे पीसां तो नाठ़के
रे चोरा जातके
मका जातके
जातके
मंबई जातके
मज़टी भरतपूर की
तिलि मैं घर
पकिय यारी
पक्का ये बैर करा
शहिर तेरा जाम
अरे यारां का गाफिला
देसी है बंदे यार
स्वैक पुरा माफिया
ना ओड मरी जाट छोरे असली है
ब्रेंडा था बढ़के रे नसली है
खून का उबाड देख
लोहा शमशीर कौम का
गुमान शिरी सूरज मलवीर
शास्त्र धरम की धर्ती
वीर जना करती है
सलवार हो सूरज पलसी
वो दिली फते है
करती है
राजे हाँ आज भी रहे गोडे भी राखा
काली सी गडी टेर छोडे भी रखा
देस विदेस साम
रुका है चाटां का बैरिया
न अलगे लिया छोडे भी रखा
सिस्टेम है बाई खाम बुले ते बनना ते पिछ्टेल है बाई
करा चड़ते खतम जो भी दिक्कत है बाई
अरा मरझी के दनी कोई काटे के
मारे रोशने दिन दोली राथे के
कोई बठकन है इस ते ओकाट के
लिक्डाहा जड़ते भी मुड मुड कै
है जाठेके
रेजो ना जातेके
माखा जातेके
अरे जातेके
मैं जातेके
रेजो ना जातेके
माखा जातेके
अरे जातेके
मैं जातेके
भी सो जाईर, पहली बाई
वाध कनी जाट
वाध कनी जाट
वाध कनी जात
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