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جب ہم جائیں बसे सुरार
होके डोलिया पे सवार
होके डोलिया पे सवार
के भौची बड़ा मज़ा आई हो मिलन के रथियां
के भौची बड़ा मज़ा आई हो मिलन के रथियां
आदि रात के जब से जियां पर आई हैं हम बे पास
हम के सजनवाँ छटियां लगई हैं मन की मिकई हैं आस
पहले होई आकिया चार बाद में करी हैं हम पेवार
के भौची बड़ा मज़ा आई हो मिलन के रथियां
पहले रात मोर नथियां तूटी दिसरे रात जुलनियां
तिसरे रात मोर कंगना तूटी चोथे रात जवनियां
संया चोली आदें हैं फार देखी हैं फुल के द्वाहा मार
के भौची बड़ा मज़ा आई हो मिलन के रथियां
जब जाइब साजन के घरवास तल भाग मोर जागी
संया हस के छटियां लगई हैं सब तुखवा मोर भागी
करब हम रच रच एसिंगार के संया करी हैं हम के ब्यार
के भौची बड़ा मज़ा आई हो मिलन के रथियां
जब जाइब साजन के घरवास तल भाग मोर जाइब साझन के छटियां लगई हैं