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Jai Ambe Gouri
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Uploaded by86_15635588878_1671185229650
जैयंबे गोरी
मैया जैशा माँ गोरी
तुमको निश दिन ध्यावत
हरी ब्रह्मा शिवरी
ओम जैयंबे गोरी
मांग सिंदूर विराजित
टीकों जगमग तो
मैया टीकों जगमग तो
उजल से दो नैना
उजल से दो नैना
उजल से दो नैना
चंद्रवदन नीको
ओम जैयंबे गोरी
ओम जैयंबे गोरी
कनक सामान कले बर
रक्तां बर राजे
मैया रक्तां बर राजे
मैया रक्तां बर राजे
मैया रक्तां बर राजे
मैया रक्त बर राजे
मैया रक्तां बर राजे
मैया रक्त बर राजे




मैया रक्त मज़े कंठन परिसा जैये
खडग खपरधारी, मैया खडग खपरधारी, सुर नर मुनी जन सेवत, सुर नर मुनी जन सेवत, दिन के दुख हारी,
ओ जै अम्पे गोरी, कानन कुंडल शोभित, ना साग्रे मोती, मैया ना साग्रे मोती,
कोटिक चंद्र दिवारी,
कोटिक चंद्र दिवारी, समराजत ज्योती, ओम जै अम्पे गोरी,
शुबनी शुंभ विदारे, मही सा सुर घाती,
मैया मही,
शुबनी शुबनी शुबनी शुभ विदारे, मही सा सुर घाती,
मैया एसा सुर घाती,
धूंबर विलोचन नईना,
धूंबर विलोचन नैना,
धूंबर विलोचन नईना,
धूंबर विलोचन नईना,
धूंबर विलोचन नईना,
शोड़ित बीज हरे, मधु कै टब दो मारे, सुर्भे हीन करे
ओं जैयं भेगोरी, रम्हाडी रूत्राडी, तुम कमलाराणी, मैया तुम कमलाराणी
अगम निगम बखानी
आगम निगम बखानी, तुम शिव पट राणी
ओं जैयं भेगोरी
चौंसट योगी निगावत, दीत करत भैरो
बाजत ताल मृदंगा, बाजत ताल मृदंगा
ओर बाजत डमरू, ओं जैयं भेगोरी
तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता
मैया तुम ही हो भरता
भागतन की दुख हरता, भागतन की दुख हरता
सुख संपती करता
ओं जैयं भेगोरी
ओं जैयं भेगोरी
भूजा चार अतिशोवित वर्मुद्राधारी
मैया वर्मुद्राधारी
मनवां छित फल पावत
मनवां छित फल पावत
मनवां छित फल पावत
मनवां छित फल पावत

सेवत नर नारी
ओं जैयं भेगोरी
कँंचन ढाल विराजत
कुंचन ढाल विराजत
अगर कपुरवाति
अगर कपुरवाति

मैया अगर कपुरवाति
श्री मालके तुम्हे राजत कोटी रतन ज्योती
ओ जै अंबे गोरी
स्री अंबे जी की आरती जो कोई नर गावे
मैया जो कोई नर गावे
कहते शिवाननद स्वामी
कहते शिवाननद स्वामी
सुख संपति पावे ओ जै अंबे गोरी
जै अंबे गोरी मैया जै शामा गोरी
तुमको निश दिन ध्यावत तुमको निश दिन ध्यावत
हरी ब्रह्मा शिवरी ओ जै अंबे गोरी
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V.A
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