
Song
Jai Shiv Omkara (Aarti)
Shailendra Bharti,
Sadhana Sargam
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ओम् जैशिव ओम् कारावः रभु हरिशिव ओम् जैशिव
ओम् जैशिव ओम् कारावः रभु हरिशिव ओम् कारावः
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्धानि धारा ओम् जैशिव ओम् कारावः
एकानन चतुरानन पंचानन राजे धन्सानन गरुडासन पृष्वाहन साजे
ओम् जैशिव ओम्
ओम् कारावः
दो भुजे चारे चतुर भुजे दस भुजे अती सोहे
प्रभु दस भुजे अती सोहे
तीनो रूपे
नीरंकता
त्रेभुवन जनमोहे
ओम् जैशिव ओम् कारावः
अक्षमाला बदमूर्पोर्पी प्रदे erogatam
ओम् जैशिव ओम् कारावः
अक्षमाला बदमूर्पोर्पे
माला रुण्ड माला धारी चंदन मिगमत सोहे भाले शशि धारी
ओम् जै शिव ओम् कारा
श्वेतां बर पीतां बर बाघं बर अंगे
रंभ बाघं बर अंगे
रंभ बाघं बर अंगे
सन्का दिक गरुणा दिक भूता दिक संगे
ओम् जै शिव ओम् कारा
करके मद्य कमंडल चक्र त्रिशूल धरता
जग करता जग भरता
जग संहार करता
ओम् जै शिव ओम् कारा
करके मद्य कमंडल चक्र त्रिशूल धरता
जग करता जग भरता
जग करता जग भरता
जग करता
प्रण्वाप्षर्गे मते ये तीनों एका। ओम् जैशिव ओम्कारा।
रिगुण स्वामी जी की यारती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी।
कहत शिवानन्द स्वामी।
बन्वान छित पल पावे।
ओम् जैशिव ओम्कारा।
ओम् जैशिव ओम्कारा।
ब्रह्व जैशिव ओम्कारा।
ब्रह्मा विश्नु सदाशिव।
ब्रह्मा विश्नु सदाशिव।
विष्णु सदाशिव अर्धांगि धारा। ओम् जैशिव ओम्कारा।
ओम् जैशिव ओम्कारा। प्रभु भरेशिव ओम्कारा।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्धांगि धारा।
ओम् जैशिव ओम्कारा।
विष्णु सदाशिव अर्धांगि धारा।
ओम् जैशिव ओम् कारावः रभु हरिशिव ओम् कारावः
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्धानि धारा ओम् जैशिव ओम् कारावः
एकानन चतुरानन पंचानन राजे धन्सानन गरुडासन पृष्वाहन साजे
ओम् जैशिव ओम्
ओम् कारावः
दो भुजे चारे चतुर भुजे दस भुजे अती सोहे
प्रभु दस भुजे अती सोहे
तीनो रूपे
नीरंकता
त्रेभुवन जनमोहे
ओम् जैशिव ओम् कारावः
अक्षमाला बदमूर्पोर्पी प्रदे erogatam
ओम् जैशिव ओम् कारावः
अक्षमाला बदमूर्पोर्पे
माला रुण्ड माला धारी चंदन मिगमत सोहे भाले शशि धारी
ओम् जै शिव ओम् कारा
श्वेतां बर पीतां बर बाघं बर अंगे
रंभ बाघं बर अंगे
रंभ बाघं बर अंगे
सन्का दिक गरुणा दिक भूता दिक संगे
ओम् जै शिव ओम् कारा
करके मद्य कमंडल चक्र त्रिशूल धरता
जग करता जग भरता
जग संहार करता
ओम् जै शिव ओम् कारा
करके मद्य कमंडल चक्र त्रिशूल धरता
जग करता जग भरता
जग करता जग भरता
जग करता
प्रण्वाप्षर्गे मते ये तीनों एका। ओम् जैशिव ओम्कारा।
रिगुण स्वामी जी की यारती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी।
कहत शिवानन्द स्वामी।
बन्वान छित पल पावे।
ओम् जैशिव ओम्कारा।
ओम् जैशिव ओम्कारा।
ब्रह्व जैशिव ओम्कारा।
ब्रह्मा विश्नु सदाशिव।
ब्रह्मा विश्नु सदाशिव।
विष्णु सदाशिव अर्धांगि धारा। ओम् जैशिव ओम्कारा।
ओम् जैशिव ओम्कारा। प्रभु भरेशिव ओम्कारा।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्धांगि धारा।
ओम् जैशिव ओम्कारा।
विष्णु सदाशिव अर्धांगि धारा।
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