चनक दुलारी
सियासु कुमारी
आज मेरे घर आई है मेरी
राज कुमारी आई है
छोड़ी चली बाद बुल की गलियां
पीछे रह गई संग की सहेवा
छोड़ी चली बाद बुल की गलियां
छोड़ी चली बाद बुल की गलियां
पीछे रह गई संग की सहेवा
ससुर घर की शोभा बढ़ाई है
ससुर घर की शोभा
बढ़ाई है मेरी राज कुमारी
आई है मेरी राज कुमारी
आई है
मातु कोषल्या भुलि न सम्माती
भर भरी अंजूली मोती लुटाती
भर भरी अंजूली मोती लुटाती
लक्षमी मेरे घर आई है लक्षमी मेरे घर आई है मेरी राज कुमारी
आई है मेरी राज कुमारी आई है
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