पन्डा सालागे सावर्या एसा सजाया है।
जनम दिन शाम का आया है।
रूप सलोना प्यारा सबकी मन को भाया है।
जनम दिन शाम का आया है।
जनम दिन शाम का आया है।
दुल्हन से सजे खाटू नगरी लगते प्यारी प्यारी जी।
जनम दिवस की देने बधाई लाखो खडे नर नारी जी।
लाखो खडे नर नारी जी।
दुल्हन से सजे खाटू नगरी लगते प्यारी प्यारी जी।
लगते प्यारी प्यारी जी जनम दिवस की दिने बधाई लाखों खड़े नर नारी जी
जिसको देखो उस पी जातू श्याम का छाया है जनम दिन श्याम का आया है
इस्तर की खुश्बू महिखी और भूलाचारी
भक्तों के दिल से खुशियों की छूट रही फुल जड़िया जी।
इतर की खुश्बू महके और फूलों के लगे लड़िया जी।
भक्तों के दिल से खुशियों की छूट रही फुल जड़िया जी।
देख की सुन्दर आजब नजारा मन हर शाया हो।
जनम दिन शाम का आया है।
बुक्कांस का सुन्दर आप न्यूज़ादिया entire।
और हुगे ध्यारी लहानार।
हुआ ध्यारी बेतुषे शुभे मान्य।
आनुसथेतिया शुभेर आया ध्यानार।
लूरी में पर रहे हैं।
हुआ बुख्य दिन रहे 언니 house की लद्या हाँ।
सावर्या की जनम दिवस की हो गई सब तैयारे जी
धीम सैन खाटू नगडी में धूम जी बड़ी भारी जी
सावर्या की जनम दिवस की हो गई सब तैयारे जी
मावे का सुन्दर प्याराचा कीक मंगाया है
जनम दिन शाम का आया है
जनम दिन शाम का आया है