जानुवरों में सीधा साधा ये है एक चोपाया
मेहनत करता रहता जो भी लातो वही लदाया समझ में आया दुलुजी नहीं आया
पूड़ा तरकट घास पात जो भी पाया सो खाया दिल का सच्चा अकल का तच्चा ये प्रोभू की माया समझ में आया
बोलो क्या है
तो बोलो क्या है
पागन में खुश होता है वो
पर सावन में रोता है वो
अले पापले ये तो बहुत रोता है
दुलुजी ये टू लोता है
पागन में सोखा हर्याला उसके नजर नाए
सब कुछ उसने खाया समझ के ये फूला न समाए
सावन पाए हराज भर वो अपनी नजर घुमाए
कुछ भी चरा नहीं
उसने एसामों बनाए
और मूटे मूटे अश्क बहाए
तो बोलो क्या है
गभा
तो बोलो क्या है
इंसानों में भी होते हैं
गधे तुम्हे बतलाए
जो अपनी ऊकात को भूले बोलो तो वो क्या है?
ਤੇ ਬੋਲੋ ਤੇ ਵੋ ਕਿਆ ਹੇ? ਐ ਤੇ ਗਦੇ ਕੋ ਕਿਆ ਤੁ ਮੁਝੇ ਜੋ ਚਾਂਦ ਸੇ ਆਖ ਮੀਲਾਏ? ਚਾਂਦ ਚਕੋਰ ਕੋ ਪ੍ਯਾਰ ਜੋ ਹੋ ਤੋ ਅਪਨੀ ਸਮਜ ਮੀ ਆਏ?
ਜੋ ਤੋ ਬਾਵਰ ਚਾਂਦ ਸੇ ਆਖ ਮੀਲਾਏ? ਜੋ ਤੋ ਬਾਵਰ ਬਾਵਰ ਬਾਵਰ