लीजिये हजरात
शिरी इसलामिक और संजय अकरबाल जी पेश करने जा रहे हैं
एक बहुत ही दर्द भरा वाकया
जिसका उनवान है
जैसी करनी वैसी भरनी
देखिए दोस्तो ये वाकया कुछ इस तरह है एक
लड़का अपनी माबाप पर क्या क्या जुल्म ढाता है
इसके माबाप इसकी शादी कर देते हैं और ये अपनी बीबी के
साथ मौद मस्ती करता है और काम करने के लिए नहीं जाता है
जब माबाप काम के लिए कहते हैं तो ये उनको मारता पीठता है
फिर उसके बाद इसके माबाप दुनिया से ही
चले जाते हैं उनका इंतकाल हो जाता है
फिर इसके भी एक लड़का होता है और जब वो जवान हो जाता है और
इसकी शादी कर देता है तो ठीक असी तरह से ये अपने लड़के से
कहता है कि जा काम करने जा तो वो भी इसी तरह से ठीक इन दोनों
मिया बीबी को मारता है फिर बाद में इसे अपने माबाप की आदा
तो इसी लिए इस वाके का उन्वान है जैसी करनी वैसी भरनी
लीजे दोस्तो इसके वनकार है शकील अश्वाक कबवाल और एना बदाईँ
इसके शायर है
हिंदुस्तान के मश्भूर शायर
जनाब शादाब शादानी ठाकुर दुआरभी
मीज़ुक से सजाया है
किशोर मलोतरा जीने इसपेशल थैंक्स विजै पबार
रिकारडिंग का सहवग दिया है
मिस्टर चंदर गांधी जीने एस कल्यानी इस्टूडियो दर्यागंद देह
ली तो लीजे ये वाके मैं यहांत शुरू कर रहा हूं मुलायजा कीजे
वाके आएक मैं
सुनाता हूं
वाके आएक मैं सुनाता हूं
शहर में एक शक्स रहता था
हर गड़ी रन जो गम को सहता था
एक लड़का था एक लड़की थी
उम्र बच्चों की थी अभी नन्नी नामों अबबात
दोस्तों उसका और बीबी का उसकी मरियम था
बच्चे सिकूल पढ़ने जाते थे पढ़के खुशीओं के साथ आते थे
देखकर बच्चों को वो होता मगन जाते रहते थे सबीरन जो मोहन
मा भी खुशीओं के गीत गाती थी देखो फूली नहीं समाती थी
पढ़ते पढ़ते हुए जबां बच्चे लगते माबाप को बहुत अच्छे
सिक्र शादी की अब तो होने लगी पहले करनी है लड़की की शादी
मर्यम भोली सुभाग को जाओ तुम रिष्टा लड़की का देख आओ तुम
लड़का अच्छा सा जो मिल जाएगा लड़का अच्छा सा जो मिल जाएगा
हमारा सुकून पाएगा
दिल हमारा सूकून पाएगा
दिल हमारा सुकून पाएगा
लड़की की शात जब हो जाएगी
कुछ तो राहत हमें मिली जाएगी
सुभा कोट के जलती जाना है
रिष्टा लड़की का देखाना है
देखना अच्छा तुम घराना हो
और अन्दाज शरीफाना हो
लड़का भी देखने में अच्छा हो
खुब सूरत हो और सचा हो
पुनबे वाले शरीफ हो इनसां
सारी बातें खह्याल में रखना
बाकी अलला फे छोड दैना तुम
रिष्टा लड़कें फे जोड दैना तुम
बोला आप बात कल को जाऋंगा
मैं कही कही रिष्टा देख आओंगा
देखने रिष्टा कल को जाता है
एक ज्गारिष्टा देख आता हೇ
دیکھنے لڑکی کل کو آئیں گے
دیکھنے لڑکی کو اپنائیں گے
آ گئے کل کو دیکھنے مہمان
آ گئے کل کو
دیکھنے مہمان
کو لے حباس بھائی ہم قربان
کو لے حباس بھائی ہم قربان
لڑکی تب نے پسند یہ کر لی
ہوئی تاریخ شادی کی پکی یعنی لڑکی کی ہو گئی شادی
لڑکی سے مل گئی اب آزادی
اب بیان لڑکے کا سناتا ہوں
کیا کیا لڑکے نے بتاتا ہوں
باپ کرتا ہے یوں ہی مجدوری
آخر لڑکے کی بھی کری شادی
لڑکا دلہن کے پاس رہتا ہے
کام کچھ کر یہ باپ کہتا ہے
لڑکا سنتا نہیں ہے کہنے کو
باپ کا خون ہے وہ کینے کو
کام کوئی نہیں وہ کرتا ہے
باپ سے بھی نہیں وہ ڈرتا ہے
شادی میں ہو گیا بہت کردہ
باپ کا دل ہوا بہت نرغہ
سوچا تھا دونوں ہم کمائیں گے
دردہ جلی سے ہم چکائیں گے
نہ رہے گا ہمیں پھر کوئی گم
زندگی اچھی گزاریں گے ہم
سوچا پیار اور ہو گیا ہے کیا
ہائے میں تو کہیں کبھی نہ رہا
کیوں کہ بیٹے نے آنکھ پھیری ہے
اب اندھیری ہی بس اندھیری ہے
کردے والے اب وہ گھر پہ آنے لگے
گالیاں تک بھی وہ سنانے لگے
باپ نے پھر کہا یہ بیٹے سے
کیا کرے گا یہ تو بتا مجھ سے
بیٹے نے باپ سے کہا سن لے
کام کوئی نہیں کروں گا میں
بیوی کو اپنی وہ گھماتا ہے
پوچھ تو نینی تا لے جاتا ہے
بیوی کے ساتھ رہتا ہے وہ مگن کام سے کوئی بھی نہیں ہے لگن
باپ نے ہار کر کہا پھر بھی کام دھندا ہے پیٹ کر کوئی
باپ کو گالیاں سنانے لگا ماروں گا تجھ کو یہ بتانے لگا
باپ کو سن کے یہ ہوا صدمہ
ماں کو بھی یہ خیال آنے لگا
ماں بولی کیا بکتا ہے بے ہیا
اتنی حمد تیری تو مارے گا
اتنا سنتے ہی لڑکے نے مارا
مگن کے لیے خون کی دھارا
ماں سدھموں میں ہو گئی بیمار
باپ کے بھی نہیں اچھے آسار
بیٹے کو جب بھی وہ سمجھاتے تے
لات گوں سے ہی بس وہ خواتے تے
دونوں کے دل سے آہ نکلی تھی
دل پہ آری غموں کی چلتی تھی
کہتے تے تو ہمیں ستاتا ہے
ناروں میں اپنا دھر بناتا ہے
بہت پچھتائے گئے کدن نادا
پھر یہ موقع نہ ہاتھ آئے گا
اب ہی موقع ہے سنجھا بیٹے
نید گفلت سے نکل جا بیٹے
تجھ کو
راحت ملے گی پھر نہ کبھی
یاد ماں باپ کی پھر آئے گی
اس نے ایک بات بھی نہیں مانی
کرتا تھا دل میں اس نے جو تھانی
کرتا تھا دل میں اس نے جو تھانی
کرتا تھا دل میں اس نے جو تھانی
अबनी बीबी से वो ये कहता था
कोई दिल में न लाना रंजो मोहन
आशका देखती रहो दरफन
आगे क्या होता है बताऊंगा
आपकी मैं तब अच्छा हूँगा
दूनों दुनियां ते हो गए रुखसत
ये थी माँबाप की यारो उलफत
करवाया बल्के दूनों को बुरा कहता था मुख्तसर आगे को लिखता हूँ
मैं जो मैं लिखता हूँ भौर फर्माले रात दिन अब उदासी रहता था आसुरणजो
अलम के पीता था उसके घर अप कोई भी आता नहीं कोई उससे नजर मिलाता
नहीं पेश आते नहीं मुहवबत से देखते हैं
इसे हिलाकत से गौर करने का मकाम आया है
गौर
करने का मकाम आया है दर्स भी अपने साथ लाया है
दर्स भी अपने साथ लाया है
दर्स भी अपने साथ लाया है
अपने साथ लाया है दर्स भी अपने साथ लाया है दर्स भी अपने
साथ लाया है दर्स भी अपने साथ लाया है दर्स भी अपने साथ
लाया है दर्स भी अपने साथ लाया है दर्स भी अपने साथ लाया है
दर्स भी अपने साथ लाया है दर्स भी अपने साथ लाया है दर्
रजो गम सब वो हमारा जाएगा
लेकिन उसको ये भूल बैटा है
इसने माँ बाप को सताया है
आखिर बेटे की सिने की शादी
इसके बेटे के घर दुलहन आई
अब ये दुलहन के पास रहता है
अपनी बीवी से वो ये कहता है
बीवी कोई भी गम नहीं करना तुख किसी चीज का नहीं भरना
बेटे का अब बयान
सुन लीजे
अपना भयान कुम दीजे
दोस्तो अपना भयान कुम दीजे
दोस्तो अपना भयान कुम दीजे
प्रशाराब पीता है बाप से हर घड़ी ये लड़ता है काम पे
जल्दी उठक जाया कर वरना फेरूंगा तुझ पे मैं हंकर ये
सुना सुन के बाप रोने लगा और अपना जी ये जान खोने लगा
याद माँ बाप की अब आती थी और तबियत बहुत घबराती थी
सुभा को बाप काम पे न गया हंटर से बेटे ने बहुत मारा
हंटर से मार ताता दोनों को याद माँ बाप आते थे अब तो
रञ्जोगम और अलम सहता था रोज पिठता था वो ये कहता था
अपने आपको प्रशाद नहीं किया यारो
अपने माँ बाप को मारा यारो अपने माँ बाप
को तताना नहीं उनका बिल तू कभी दुखाना नहीं
दासता खत्म करता हूँ शादा
सबको है दोस्तो मेरा आदा
सबको है दोस्तो मेरा आदा