जिसकी लागी रे लगन स्री राम में, उसका दिया रे जलेगा तूपान में
राम नाम की बाती ले ले, कृष्ण नाम का तेरे ले
काहे को तू घबराता है, ये तो जग का खेला
काई को तू घबराता है ये तो जगता के लिए
जिसकी लागी ले लगे ले स्री राम में उसका दिया रे जलेगा तो खान में
जिसकी लागी ले लगे ले स्री राम में उसका दिया रे जलेगा तो खान में
माराद जहाँ पर राम रहते हैं वहाँ काम का प्रभाव नहीं पड़ता है
और काम इस प्रकार से अपना
माराद स्वरूप बनाया
कि भै काम बस जोगी
इस तापस पाव रही की को कहे
देखाई चराचर नारी मैं जे
ब्रह्म मैं देखत रहे
और इतना ही नहीं
कहा अबलाबिलो कही
पुरुष मैं जग पुरुष सब अबलामयं
दुई इंद
दुई दंड भरी ब्रह्मान्ड भीतर
काम कृत को तुक आयम
माराज इतनी स्थिति काम के प्रभाव से जानते हैं
जल थल नभ सब में बड़ी बिकृति आ गया
यहाँ पर मैं बिकृति सब्द का प्रयोग करूँगा क्यों?
माराज
कहा संगम कर रहे है तलाई तलावा
तालाब जो है न बड़े तालाब वो छोटी-छोटी तलरीओं की ओर देख रहे है
और
जो
छोटे-छोटे पौधे है न
वो बड़े पौधों से लिपटना चाहते है
और
महराज ब्रिक्ष एक दूसरे से लिपटना चाहते है
ये जो पहले संसार को ब्रह्म में देखा करते थे
वो संसार