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Justice
Akhilesh,
Aakash
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Lyrics
Uploaded by86_15635588878_1671185229650
चुटे से गुणिया थे जिसके कुछ खाब थे
आखों में सपने दियार इस थैतरस को भाद में
उसने भी मेहनत की बोरी दिन रात में
शी मेकर डैडा प्राउड
मांके बेटी होगी साथ में बोला होगा तेको करे डाला
मैंने जितने देखा उनको बुनी डाला
उसकी भी हसी थी उसकी भी खुशी थी
उसकी भी मैनत थी उसके भी काप थी
उसके भी याखों में चबक थी
उसके भी हाथों में फलक थी
उसने भी देखी थी मेहनत उसने भी करी थी मेहनत
वो मेहनत के दम रहती था वो कोई जी रही वो माँ बापों के अपने खाबों
वो देरी पर रही थी नवसोसों से हो रही थी देरी
वो नाइट की शिफ्ट वो रात वो अंदेरी वो रात है वान था घड़ से बाहर वो रात तमाम हुए सपने जाका वो रात इंसान ना भूलेगा कभी जो जिस पे है बूती तक जानेगा वही वो कितने हो तर्द में तुझे के तागर जो जिन्दा है अब तक और सच की गबर
आगों को गोलो ये कैसा है वक्त जागो तुम नीन से बदलो ये तक्त आज ये नहीं सुद्रोगे सुद्रोगे कब जब रस्ते पे ऐसे ही आओगे तब
मुंबते नहीं अब उठाने है शस्त अब साफा इससस तो पे काट दो वो शस्त कब तक ये चलेगा तेशे में मेरे जब है वान इनसान में आगे बद तेरे क्यों नी तोड़ी जाते हिम्मत इन सब की क्यों नी दिया जाता सब अखरे को तूटेगे हिम्मत जब देखेंग
जब सता ना चले हम सता में बैठे नी सता चला लेंगे मौत नी दे सकते हुँ को तुम जब तें डोट एक्सपेक्टेंग बैनो की लाशे उठा लेंगे कब तक ये घरों के सपने डूटेंगे कब तक कोई मा आखर रोती रहेगी कब तक नी मिलेगा बाप को सहारा कब तक �
बेटी एकी मौते होती रहेगी ना हॉस्पिटर गवल बुटी रेप डे मर्डर दिस हैपन नास फर्स थाइम शिट हैपन डेली ओलियर तुम घर पे हो बैटे दो सेपत ये सुष्णा हमारी बेन बार जिनको पहुशना एक घर ये पहली बार का नियम तो ये रोस काई इनस
दोस्ती बेन दी मां थी ये तरस था
परसल पहली नेर बया परसल बाद कुलकता टॉक्टर प्रियंकर एडी हैदराबाद
तीन साल की बची चार घन वाइजैक में हुआ था केस
हैश्टेक नो मर्सी पर रेप
खोलूगी काकस को छिटे हजार ये लोगों को कुछ भी तो कहना बेकार है
स्वास्थ शरीर पर सोच बेकार है
जिन्दा है कौन सब जिन्दा ही लाश
ये किता प्राफिल करते होंगे माँ बाब सबसे कहते होंगे
देखो डॉक्टर अलाद
लेकिन किसको ता पाता हॉस्पेटल में जलाद
जो मरते हैं जिसम ताबा करते हैं कब
वो MP का लल का सुबूत सारे कायब
क्यों मंता है रोग पे तो सता की चालक
क्यों क्यों नहीं कानी
मंता शूट आन साइट
they leave this country and they are still alive
अब सुनो जगुनीन से हम सबकी भी पहने है
उनके भी तो खाब है जो हमको पूरे करने है
कैसी एजादी है जो आरत अभी कैत में
इनसा का इनसा तिश्मन लोग भसे छूटी एब में
अब देखें मैंने लोग जो इस पर भी मीम बना रहे है
वो मीम ली बना रहे है अपनी हकीकत दिखा रहे है
किसी ने नहीं सोचा कितना तरदी उसको मिला
वो डॉक्टर प्रियंग करें डिवाला के
केस की तो सुना होगा पर नहीं उसके बाद भी हम कुछ नहीं करते
ये कैसा है सब सुबूत का है भूरे केस करें प्रोटेस्ट है पर
हाँ सोचो सब ख़ड़े होगे तो कहा भागोगे
हाँ बजे भगतार तो पहरोगे नीचे मिलोगे
हम शान दे गए मैं समझो तबा ले जाओगे
हम ख़ड़े हुए साथ में तो कहा तक चाओगे
हुआ है
हुआ है
हुआ है
हुआ है
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Artist
Akhilesh
Aakash
Uploaded byThe Orchard
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