दाउरा उठाला पिया
संगे संगे चाला पिया
चाटी वाई के नामे लेके
खोर चला हला पिया
बाहर पंचन राज
हाज़ पूर भैसाला
सावाला के साड़ीया
है जी सुना ना
पिया हो बड़ी मन भावो है
साड़ी के संगे तो रभिछी ओद ले बाव मन भाव
तोरे कहान मा हो मन घबरावो है
साड़ी के संगे तो रभिछी ओद ले बाव मन भाव
जी संगे संगे चाए बईहो
जोले नरीयल बापूआ पकवन मासे सुरज के रग देखाई बईहो
अर्यन राके इस मैं के आरागा देलाई तैहो
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