लयती खोईले के ओराग की आदी मुर्ण पातार जी
रोजे रोजे हमारा के जीगु निखी आई से जीआ पे आके राजा दिले ना दुखाई
रही जब कुआर पएगण खोईनी लगा तार जी
नाई की खोईले के ओराग की आदी मुर्ण पातार जी
काछे बाउमर हमार छोट बाटी कोरा
एने ओने हाथे न डाली धरी नहीं कोरा
काछे बाउमर हमार छोट बाटी कोरा
एने ओने हाथे न डाली धरी नहीं कोरा
रोजे तानी दम धरी दे हबो बार बार जी
नाई की खोईले के ओडा की आदी मुर्ण पातार जी
रात भर मचाई जोनी पिया रहुआ गाराथा
पूछो दिन बिते दी हाथा दे मलाजी के पारथा
काहे नाई की बूझःते राजा बाटे परसानी जी
अंकूस प्रेमी राकेश करीना मनमानी जी
रोजे चहजल हमार बाटे सिंगार जी
नाई की कहले घिउडा की आदी मुर्ण पातार जी
खी आदी मुर्ण पातार जी
खी आदी मुर्ण
पातार जी
काहे नाई की बूझःते राजा बाटे परसानी जी
अंकूस प्रेमी राकेश करीना मनमानी जी
काहे नाई की बूझःते राजा बाटे परसानी जी
चंदना पर दिपे आपन मन के समहरी जी नाई
की कहले घिउडा की आदी मुर्ण पातार जी
नाई की कहले घिउडा
रोजे रोजे हमारा के धिगुन की आई से जी आपे आके राजा दिली ना दुफाई
रही जब कुआर बैगन खोईनी लागेतार जी
नाई की कहले घिउडा की आदी मुर्ण पातार जी