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Kis Kis Ka Moo Band Karen
Attaullah Khan Esakhelvi
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Lyrics
Uploaded by86_15635588878_1671185229650
एबे खुदी ये शौक ये क्या हो गया हुँ में
पाया उसे तो खुद से जुदा हो गया हुँ में
जाता हुँ पुर युमीद बलटता हुँ नामुरा
मजबूर आति
अद्मी की दुआ हो गया हुँ में
लटका हुआ हुँ अपने बदन की सलीब उपर
इसा तेरे जुनू की सजा हो गया हुँ में
जो तुझ को देखते थे मुझे देखने लगे
बस इतनी बात है के तेरा हो गया हुँ में
किस किस का मुहु बंद करे जब
किस किस का मुहु बंद करे जब
इसक के चर्चे
मुझे
हम तो दिवाने ही थे लेकिन
हम तो दिवाने ही थे लेकिन
तुम ना हक बदनाम हुए
किस किस का
मुझे

मुखबंद करें जब इश्क के चर्चे आम हुए
हम तो दीवाने ही थे लेकिन
तुम ना हक बदनाम हुए
किस किस का मुखबंद करें जब
मुखबंद करें जब इश्क के चर्चे आम हुए
मेरे लहू से माँग भरी
मेरी खाप से घर चमकाया
मेरे लहू से माँग भरी
इश्क में मेरी जाना
गई पर आपका कितने काम हुए
इश्क में मेरी जाना गई पर
आपका कितने काम हुए
किस किस का मुखबंद करें जब
करें जब इश्क के चर्चे आम हुए
मेरी जब इश्क के चर्चे आम हुए
किस किस का मुखबंद करें जब
एक सभी बड़ा तैज करें जब हमारा जैसी स्दत दिल सदेखते हैं
सर न कहीं छट जाए तुम्हारा
इस दुनिया आ मुझे अधिकारे उपसर है।
की नगरी में सर न कहीं छुक जाए तुम्हारा इस दुनिया की नगरी में जानके
जानके हमने बाजी हारी डानिस्ता नाकाम हुए
जानके हमने बाजी हारी डानिस्ता नाकाम हुए
किस किस, किस किस काम हो बंद करें
जब तेरे खाली
आँचल को हीरों की जरूरत थी वर्ण
तेरे खाली आँचल को हीरों की जरूरत थी वर्ण
किस को
किस को
किस को तमन्ना की बिखने की
तेरे लिए नीलाम हुए
किस को तमन्ना की बिखने की
तेरे लिए नीलाम हुए
किस किस का मुबद धेरे जब
हम तो जफर बद बखत थे लेकिन
कबर की किसमत अच्छी थी
हम तो जफर बद बखत थे लेकिन
कबर की किसमत अच्छी थी
लोग भी आए पूनी
भी परसे
मेरे सुपहो शाम हुए
लोग भी आए पूनी
भी परसे
किस-किस का मुभबन्द करें
जब इश्क के चर्चर
हम तो दीवाने ही थे लेकिन
हम तो दीवाने ही थे लेकिन
तुम ना हक पत नाम हुए
किस किस काम बंद करे जाओ
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Artist
Attaullah Khan Esakhelvi
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