चितना सुन्दर, कितना प्यारा, कितना सुन्दर, कितना प्यारा, मेरा तन साथ के जिस अगना में मैंने पाया दिया जी का प्यार
कितना सुन्दर
मेरे देवता का घर है, मेरे प्यार का अंदर है, सुख से भरा
मेरे देवता का घर है, मेरे प्यार का अंदर है, सुख से भरा
महल मिले ना मिले बन के रहेगा यही स्वर्द मेरा
गुन-गुन-गूंबे पिया को रजाओं में
गुन-गुन-गूंबे पिया को रजाओं में
जन जन बाजे ले रे मन का सितार कितना सुन्दर कितना सुन्दर कितना प्यारा मेरा संसार कितना सुन्दर
शुब दिन आया ऐसा फूल हजामन भेखिली गये
शुब दिन आया ऐसा फूल हजामन भेखिली गये
विधे ने लिखा था जिनके मेरा मिलन वो ता मिल गये
मन से मिला है मन जन्मों का इस बंधन
मन से मिला है मन जन्मों का इस बंधन
मन से मिला है मन जन्मों का इस बंधन
कितना सुन्दर