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Kut Kut Gilehri
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Uploaded by86_15635588878_1671185229650
तम तम तम तम ते तारे तो तै तारे तम ते तारे
एक गॉँ था शहर के अनदर
लहते थे बहम धेरों बन्दर
तम तम तम तम ते तारे तो तै तारे तं दे तारे
एक गॉँ था शहर के अन्दर
लहते थे बहम धेरों बन्दर
बंदर की थी एक सहेली
नाम था उसा कुटकुट गिलहरी
कुटकुट गिलहरी
कुटकुट बडा सथाती थी
खाना झबंको खाती थी
कुटकुट बड़ा सथाती थी
खाना झबंको खाती थी
दिखा दिखा लचाती थी
कभी नक रात शिकती थी
इक दिन वहा आया शिकारी
कुटकुट को एपड़ गाया भारी
यह बर्बंदर ने कुब बचाया
तब कुट कुटती समझ में आया
कुटकुट ने फिर गल्ति मानी
गले मिली और पढरी टाली
तो हमें इस से क्या सीख मिलती है
हमें इस से यह सीख मिलती है
कि हमें अपना खाना अपने दोस्तों के साथ
मिल बात कर खाना चाहिए
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V.A
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