हम्...
आहाँ...
लब चुप रहे तो बोलेगी नजर चाहत में है वो असर
ये हमें भी
एहसास है
तुमें भी खबर
लब चुप रहे तो
बोलेगी नजर
चाहत में है वो असर
चुपके से कब दिल में तुम आ गए
दिल ने कभी ये ना जाना
आखों में बन के नशा चह गए दिल में किया है ठीकाना
ये बिख़ुदी तो कहा थी सनम ना दिल ही था ये दिवाना
ो
मेरे तसफर में मन्जर जो थे
सब कुछ तुम्ही में है पाया
कल तक जिसे मैं समझता था खाव
पन्के हतिकत वो आया
मेरे लबों को तुम्हीने ही तो सिखा दिया है
मुस्कुरा ना हूँ
लब चुप रहे तो बोलेगी नसर
चाहत में है वो असर
ये हमें भी
एहसास है तुम्हें भी खबर
लब चुप रहे तो
बोलेगी नसर चाहत में है वो असर
चाहत में है वो असर आँ चाहत में है वो असर
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